बरेली। साध्वी प्राची के साई बाबा पर दिए गए बयान के बाद साई भक्तों ने अपनी नाराजगी जताई है। बरेली के साई शिरडी मंदिर के सर्वाकार पंडित सुशील पाठक ने साध्वी प्राची के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि साई बाबा चांद मियां नहीं थे , चांद मियां कोई और थे। साध्वी प्राची का काम है ऊल-जलूल बयान देना। वह कहीं ना कहीं ऐसे विवादों से जुड़ी रही है बरना वह अपने बयान के चलते सरकार के निशाने पर आ जाती।
पंडित सुशील पाठक ने साई बाबा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि बाबा का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह चांद मियां नहीं थे। उनका परिवार औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर पारखी गांव से ताल्लुक रखता था । बाबा के परिवार में कुछ ऐसी हालत बने , जिसके चलते उनके परिवार ने उन्हें त्यागा था । वह एक मुस्लिम फकीर के संगत में आये थे और उनके साथ कुछ समय भी बिताया था। हालांकि यह भी सच है कि वह 80 वर्ष की आयु तक शिरडी की एक खंडर मस्जिद को मंदिर बनाकर रहे थे। उस जगह पर हमेशा एक मंदिर की तरह घंटे -घड़ियाल, आरती हुई। इस जगह को बाबा ने द्वारका माई का नाम दिया था । वहां कभी नमाज नहीं पढ़ी गई।
वह खुद मानते है कि साई बाबा भगवान नहीं थे बल्कि सद्गुरु थे। सद्गुरु कोई भी हो सकता है। हर साई भक्त उन्हें सद्गुरु मानता है। सद्गुरु की कोई जाति धर्म नहीं होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री का बयान साई बाबा के बारे में नहीं सुना है पर शंकराचार्य के साई बाबा के बारे में बयान सुना था जिसके संबंध में उन्होंने शंकराचार्य से लिखित जवाब मांगा था। उनका स्पष्ठ मानना है कि बाबा सनातन से जुड़े बाबा है। जिन्हें हम सभी सद्गुरु के रूप में पूजते है।
बता दें कि बरेली में आज साध्वी प्राची ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री के बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि साई बाबा पीर फकीर हो सकते है पर भगवान नहीं , जो चांद मियां हो वह हिन्दू कैसा हो सकता है। बाबा फकीर हो सकता है।
