बरेली । होलिका दहन का मुहूर्त वर्ष का सबसे सिद्धि कारक मुहूर्त माना जाता है। इस समय पूजन -अर्चन और आहुति दान करने से रोगों से छुटकारा मिलता है और सभी समस्याओं का समाधान बड़ी सहजता और सरलता सो जाता है। होलिका दहन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्ति के लिए गाय के उपलो का प्रयोग श्रेष्ठतम माना जाता है। वही, इसके साथ ही होली में दी गई विशेष आहुतियो का महत्व होता है अगर राशि के अनुसार गाय के उपलो के साथ अगर आहुति दान की जाए। तो ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
राशि के अनुसार करें आहुति दान,
मेष-होलिका की अग्नि में गुड़ की आहुति दें।
वृषभ -होलिका दहन की आग में मिश्री की आहुतियां दें।
मिथुन-होलिका की अग्नि में कच्चे गेहूं की बाली की आहुति दें।
कर्क-अग्नि में सफेद तिल और चालव की आहुति दें।
सिंह -लोबान और गुड़ की आहुति दें।
कन्या-होलिका दहन के समय अग्नि में पान और हरी इलायची की आहुति दें।
तुला-अग्नि में कपूर और बूरा की आहुति दें।
वृश्चिक-होलिका दहन के समय अग्नि में गुड़ और लाल चंदन की आहुति दें।
धनु- होलिका दहन की अग्नि में चने के दाल की आहुति प्रदान करें।
मकर-अग्नि में काले तिल की आहुति दें।
कुंभ-काली सरसों और गूगल की आहुति दें।
मीन-होलिका दहन की अग्नि में पीली सरसों की आहुति दें।