News Vox India
धर्मनेशनलयूपी टॉप न्यूज़शहर

इस बार दो महीने का होगा सावन, बरसेगी हरि के साथ हर की कृपा, 4 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा सावन का महीना,

 

-ज्योतिषाचार्य- पंडित मुकेश मिश्रा

Advertisement

बरेली। सावन का महीना भोलेनाथ के प्रति अपार श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार एक नहीं दो सावन होंगे। जिससे भोलेनाथ के भक्तों में अपार खुशी की लहर है। इस बार सावन में भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होगा। वही, सावन का पवित्र मास दुर्लभ संयोगों को संजोकर आ रहा है। आध्यात्मिक दृष्टि से सावन के महीने का अलग ही महत्व है। सावन के महीने में भगवान महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है. जो भी भक्त सावन के सोमवार को पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और महादेव की आराधना करते हैं शिव की कृपा उनपर बरसती है।

 

 

उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। सावन का महीना भोलेनाथ की पूजा के लिए बहुत ही शुभ है। कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि से सावन का महीना शुरू हो जाता है। दो सावन होने के कारण भक्तों को शिव की आराधना के लिए इस बार पूरे 8 सोमवार मिलेंगे।इसके अलावा इस साल सावन में भोलेनाथ के साथ जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु भी अपनी कृपा बरसाएंगे। दरअसल, इस साल सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई से हो रही है। यह महीना 31 अगस्त को समाप्त होगा। वहीं इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहने वाला है। धर्म शास्त्रों के अनुसार अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु हैं। ऐसे में इस बार सावन में शिव जी के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी।

 

 

*ऐसे होता है अधिक मास*

वैदिन पंचांग की गणना सौर मास और चंद्रमास के आधार पर की जाती है। चंद्रमास 354 दिनों का होता है। और सौर मास 365 दिन का। ऐसे में 11 दिन का अंतर आता है और 3 साल के अंदर यह अंतर 33 दिन का हो जाता है। जिसे अधिकमास कहा जाता है। इसलिए इस बार सावन एक की बजाय दो महीना का होने वाला है। जो कि बेहद जी शुभ संयोग है।

 

*पूजा पाठ का विधान और नियम*
भगवान शिव के प्रिय सावन महीने में प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठने का प्रयास करें और प्रतिदिन नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान करें। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में ही करने का प्रयास करें क्योंकि इस काल में पूजा करने पर देवों के देव महादेव शीघ्र ही प्रसन्न होकर मनचाहा आशीर्वाद देते हैं। श्रावण मास में शिव पूजा में गंगाजल के साथ महादेव को प्रिय लगने वाले शमी एवं बेल पत्र को जरूर चढ़ाएं। इन दोनों ही पत्र को हमेशा डंठल तोड़कर उलटा करके चढ़ाएं। सावन के महीने में भगवान शिव को दूध, दही, शहद आदि अर्पित करने के बाद जल अवश्य चढ़ाएं। ध्यान रहे कि भगवान शिव को तांबे के लोटे से जल तो चढ़ाना चाहिए लेकिन भूलकर भी उससे दूध नहीं चढ़ाना चाहिए। अंत में सबसे खास बात यह कि भगवान शिव की सिर्फ आधी परिक्रमा करनी चाहिए और कभी भूलकर भी उनकी जलहरी नहीं लांघनी चाहिए।

 

 

*इन तारीखों में पढ़ेंगे आठों सोमवार*
सावन पहला सोमवार: 10 जुलाई
सावन दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
सावन तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
सावन चौथा सोमवार: 31 जुलाई
सावन पांचवा सोमवार: 7 अगस्त
सावन छठा सोमवार: 14 अगस्त
सावन सातवां सोमवार: 21 अगस्त
सावन आठवां सोमवार: 28 अगस्त

Related posts

लापता मजदूर का चार दिन बाद शव बरामद 

newsvoxindia

बिथरी थाना क्षेत्र में गौ तस्करों की पुलिस से मुठभेड़ , एक घायल , दो फरार ,

newsvoxindia

किला ओवरब्रिज बंद होते ही ट्रैफिक व्यवस्था हुई फेल , पहले दिन जाम ही जाम ,

newsvoxindia

Leave a Comment