News Vox India
धर्मशहरशिक्षास्पेशल स्टोरी

रामलीला में मेघनाथ वध, सुलोचना सती एवं अहि रावणवध की लीला का मंचन,

बरेली। रामलीला समिति चौधरी मोहल्ला बरेली के तत्वावधान में आज 15वें दिन की रामलीला में मेघनाथ वध, सुलोचना सती एवं अहि रावणवध की लीला का मंचन किया गया। कल रावण वध मंचन होगा। श्री रानी महालक्ष्मी बाई रामलीला समिति चौधरी मोहल्ला बरेली के तत्वाधान में 456 में रामलीला मेला में आज कुंभकरण की मृत्यु के पश्चात रावण ने अपने पुत्र मेघनाथ को पुनः युद्ध के लिए आदेशित किया। मेघनाथ ने श्री राम पर विजय प्राप्त करने हेतु अपनी कुलदेवी निकुंभला देवी के मंदिर में हवन करना प्रारंभ किया क्योंकि उसे वरदान था कि यदि वह निकुमला देवी के मंदिर में हवन करने पूर्ण करने के पश्चात राम के साथ युद्ध करेगा तो उसे विजय प्राप्त होगी।

Advertisement

 

 

यदि बीच में यह हवन भंग हो गया तो तो उसकी हार निश्चित है। जब यह बात विभीषण को पता लगी की मेघनाथ विजय प्राप्त करने के लिए निकुमला देवी के मंदिर भवन कर रहा है तो उसने यह बात प्रभु श्री राम को बताइए और कहा की मेघनाथ का यह हवन पूर्ण नहीं होना चाहिए । यह बात सुनकर प्रभु श्री राम ने सेनापति अंगद को आज्ञा दी कि वह मेघनाथ के हवन को नष्ट करें। प्रभु की बात सुनकर मेघनाथ हनुमान सहित समस्त बंदरों को लेकर निकम्माला देवी के मंदिर में पहुंच गए और मेघनाथ का यज्ञ भंग कर दिया। मेघनाथ क्रोधित होकर सीधे युद्ध भूमि में पहुंचा और युद्ध के लिए राम और लक्ष्मण को ललकार ने लगा । श्री राम ने लक्ष्मण को मेघनाथ से युद्ध करने की आज्ञा दी। मेघनाथ और लक्ष्मण में भीषण युद्ध हुआ और अंत में मेघनाथ मारा गया ।

 

मेघनाथ की मृत्यु के पश्चात रावण बहुत ही दुखी हुआ जब उसकी पत्नी सुलोचना को पता लगी तो वह रोती हुई रावण के दरबार में पहुंची और उसने रावण से मेघनाथ के साथ सती होने की आजा मांगी। रावण ने दुखी मन से सुलोचना को सती होने की अनुमति प्रदान की। सुलोचना मेघनाथ के साथ अग्नि में बैठकर सती हो गई। सुलोचना सती के होने के पश्चात रावण ने पाताल नरेश अहिरावण को सारी घटना से अवगत कराया और उससे कहा कि तुम राम और लक्ष्मण के साथ जाकर युद्ध करो। अहिरावण मायावी राक्षस था वह तरह-तरह के रूप बदलना जानता था।

 

 

वह विभीषण का रूप बनाकर रात्रि को भगवान श्री राम लक्ष्मण को पाताल में ले गया। जब प्रातः काल सभी लोग उठे तो देखा कि प्रभु और राम और लक्ष्मण नहीं है।। विभीषण की समझ में यह बात तुरंत आ गई की प्रभु को अहिरावण पाताल में ले गया है। उन्होंने हनुमान जी से कहा की प्रभु की रक्षा आप ही कर सकते हैं । हनुमान जी तुरंत ही पाताल में चले गए जहां हनुमान जी और अहिरावण युद्ध हुआ जिसमें अहिरावण मर गया। हनुमान जी प्रभु श्री राम लक्ष्मण को सुरक्षित वापस पृथ्वी पर ले आए । रामलीला में पंडित राम गोपाल मिश्रा, हरिश्चंद्र शुक्ला, शिवरीनारायण दीक्षित, धीरेंद्र शुक्ला, श्रेयांश बाजपेई, बृजेश प्रताप सिंह, अभिषेक मिश्रा आदि उपस्थित रहे ।

Related posts

रामपुर में बस -ट्रक की भिंडत में पांच की मौत ,22 घायल 

newsvoxindia

सपा संस्थापक मुलायम सिंह जयंती आज 

newsvoxindia

शहर में  बड़ी वाहन चोरी की घटनाएं , कैंट सहित कई थानों में चोरों ने घटनाओं को  दिया अंजाम 

newsvoxindia

Leave a Comment