आज से नवरात्री की शुरुआत हो चुकी हे। नवरात्री का पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा करी जाती है । जो हिमालय या पर्वत राज की बेटी हे। माँ तो हर रूप में पूजी जाती हे लेकिन माता का पहला रूप ही शैलपुत्री को कहते हे जिनको सती या पार्वती के नाम से भी जाना जाता हे। आईये जानते है किस तरह मां की आरधना की जाए ताकि मां का फल मिल सके।
पूजन कैसे करें ?
माँ के सामने धुप , दिप जलाए और माँ की देसी घी के दीपक से आरती करे। शैलपुत्री माँ की कथा , दुर्गा चालीसा, स्तुति करें। जयकारो के साथ माँ की पूजा संपन्न करे और माता को भोग लगाए। साय काल के समय भी आरती करे।
याद रखें :
माँ शैलपुत्री को सफ़ेद रंग की वस्तुए अधिक पसंद हे तो उनकी पूजा में सफ़ेद रंग का अवसय उपयोग करें। माँ की चौकी को उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके विराजमान करें। चौकी पर लाल कपडा बिछाए। लौंग , नारियल , श्रृंगार का १६ सामान ,रोली, मोली, अक्षत और प्रसाद रखना न भूले।
माता की आराधना का मंत्र :
ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्