बरेली : मातृशक्ति द्वारा संतान प्राप्ति एवं संतान की लंबी आयु और उज्जवल भविष्य के लिए रखा जाने वाला अहोई अष्टमी का पावन व्रत आज रखा जाएगा। दरअसल यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी में रखा जाता है। इस बार इस पर्व पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। आज शिवयोग और सिद्धि योग का संगम रहेगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग व्याप्त रहेगा। जिस कारण इस पर्व की मान्यता कई गुना अधिक बढ़ गई है। अहोई यानी कि अन्होनी का अपभ्रंश देवी पार्वती अनहोनी को टालने वाली देवी मानी गई है। इसलिए इस दिन सुख, समृद्धि और संतान के सारे कष्ट और दुख दूर करने के लिए मां पार्वती की पूजा-अर्चना होगी।
इस पर्व पर शिव योग का पडना बहुत ही दुर्लभ संयोग है। अर्थात माता पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव की भी खूब कृपा बरसेगी। अहोई माता का निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को अहोई माता की कथा सुनकर तारा देखने बाद माताएं व्रत खोलेंगी। यह व्रत करवा चौथ की तरह ही कठिन होता है। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं। वैसे ही संतान सुख के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं। कई जगह महिलाएं रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करती हैं। सूर्योदय के साथ ही व्रत शुरू हो जाता है और रात में तारों को देखने के बाद यह व्रत पूरा होता है। अष्टमी तिथि आज सोमवार सुबह 9:29 बजे से आरंभ होकर 18 अक्टूबर मंगलवार को मध्यान्ह 11:57 बजे समाप्त होगी।
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त:
17 अक्तूबर, सोमवार, सायं 05:50 बजे से सायं 07:05 बजे तक,
कुल अवधि: 01 घंटा 15 मिनट