बरेली ।पुराना शहर की मीरापैठ स्थित ठाकुर जी महाराज मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथावाचक आचार्य मुकेश मिश्रा ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन सुनाया।उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण अधर्म को मिटाकर धर्म की स्थापना के लिए अवतार लेते हैं। इसलिए भगवान कृष्ण ने बचपन में ही पूतना, अघासुर,बकासुर, संकटासुर, आदि बड़े-बड़े राक्षसों का संहार किया ।
भगवान श्री कृष्ण ने माखन चोरी लीला कर सभी का मनोरथ पूर्ण किया और चीर हरण का प्रसंग यह दर्शाता है कि भक्त और परमात्मा के बीच में जो माया का आवरण है उसी को हटाना चीर हरण कहते हैं। जिस पर ठाकुर जी की कृपा होती है मोह बंधन से मुक्त होकर हरि के भजन में लीन हो जाता है। देवराज इंद्र ने भी ब्रज में घोर वर्षा की जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं।
जिससे हार कर इंद्र एक सप्ताह के बाद वर्षा को बंद कर देते हैं। जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाने लगते हैं। मौके पर भगवान को छप्पन भोग लगाया गया। कथा के मुख्य यजमान मुरारी लाल गुप्ता ने व्यास मंच की पूजा अर्चना की। पंडित प्रभाव मिश्रा ने वेदमंत्रो के साथ पूजा संपन्न कराई। इस मौके पर गिरिजा किशोर गुप्ता, राहुल गुप्ता, वेद प्रकाश गुप्ता, नरेश मिश्रा, मुरारी लाल गुप्ता, राहुल गुप्ता ,सौरभ गुप्ता, गौरव गुप्ता, विजय कुमार गुप्ता, आदि का विशेष सहयोग रहा।