बहेड़ी। शाह सक़लैन मियां हुज़ूर की नगर में छमाही की फातिहा हुई। इस मौके पर उलेमाओं और शायरों ने नातो मनकबत पेश करते हुए शाह शराफत मियां और शाह सक़लैन मियां की शान में अपने अपने कलाम पेश किये। आखिर में फाताह ख्वानी के बाद पीरो मुर्शिद शाह सक़लैन मियां हुज़ूर के दराजात बुलंद किये जाने की दुआ की गई और इसके बाद लंगरे आम हुआ।
यहाँ मोहल्ला शेखूपुर में पीरो मुर्शिद शाह सकलैन मियां हुज़ूर की छमाही की फ़ातिहा हुई। इस मौके पर अंसारी मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ असलम, सक़लेनी मस्जिद के इमाम कारी उस्मान, हाफ़िज़ साफ़ेश, हाफ़िज़ आदाब, हाफ़िज़ उवैद ने नातो मनकबत पेश की। उन्होंने शाहजी मियां, शाह बशीर मियां, शाह शराफत, मियां, शाह सकलैन मियां की शान में बेहतरीन कलाम पेश किये। इस दौरान बताया गया कि आंख बंद करके सिर हिलाते हुए सांस के ज़रिये अल्लाहु करना एक बेहतर तरीका है और यह क़ुरआन से भी साबित है। फातिहा ख्वानी के बाद छमाही की फातिहा हुई जिसमे शाह सकलैन मियां हुज़ूर के दराजात बुलंद किये जाने और मुल्क में अमनचैन कायम रहने की दुआ की गई। इसके बाद शाह सकलैन मियां के मुरीदों और अकीदतमंदों ने ज़िक्र ए अल्लाहु का विर्द किया। इसके बाद लंगरे आम हुआ जिसमे काफ़ी लोगों ने शिरकत की।