बरेली : अंजुमन आशिकाने मुस्तफा की जानिब से जश्ने गौसुलवरा और अज़मते बैतुल मुकद्दस कांफ्रेंस कस्बा शाही में आयोजित हुई। कार्यक्रम की सदारत दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी(अहसन मियां) नें की।मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि मुफ्ती अहसन मियां इन दिनों मज़हबी दौरो पर है। मुसलामानों में बढ़ती सामाजिक बुराईयों पर अपनी फिक्र जाहिर करते हुए अपील कि जिहालत का अंधेरा सिर्फ और सिर्फ तालीम से ही दूर किया जा सकता है।
इसके लिए मुसलमान आधा पेट खाएं लेकिन अपने बच्चों को दीन और दुनिया की तालीम ज़रूर दिलाए। साथ ही मुसलमानो की शादियों में बढ़ती फिजूलखर्ची का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं उस पर भी रोक लगाने की ताकीद की। कांफ्रेंस में ग्वालियर से मुफ्ती जफर नूरी अज़हरी ने कहा की फिलिस्तीन में बैतुल मुकद्दस मुसलमानो का पहला क़िब्ला है।
फैजाबाद के अहमदुल फतह,मुफ्ती गुलाम रब्बानी,हाफिज असलम रज़ा,मौलाना अनीसुल क़ादरी,हाफिज इस्लाम रज़ा आदि ने भी खिताब किया। निज़ामत मौलाना हस्सान रज़ा ने की।आखिर में फातिहा के बाद खुसूसी दुआ मुफ्ती अहसन मियां की हुई। हाजी शकील,मोहम्मद वसीम,महफूज रज़ा,शहजाद रज़ा,हसनैन रज़ा,सज्जादानशीन के पीआरओ औरंगज़ेब नूरी,शाहिद नूरी,मंजूर रज़ा,परवेज़ नूरी,अजमल नूरी आदि लोग मौजूद रहे।
