नवरात्र के सातवे दिन माँ काली की पूजा की जाती हे। माँ काली ही महाकाली हे। उनका नाम उनके काम से प्रसिद्ध हे। माँ दुस्टो का संहार करती हे , पाप का नाश करती हे , माँ से कोई पापी नहीं बच सका इसीलिए उन्हें काली कहा जाता हे।
माँ काली की पूजा करने से सारी नकारात्म्क शक्तिया दूर रहती हे। माँ बल और विजय देती हे। माँ की पूजा से भुत प्रेत सभी का अंत होता हे। और अपने भक्तो को आशीष देती हे।
माँ काली को गुड़ से बनी चीज़े अधिक पसंद हे। उन्हें काले और लाल रंग के कपडे भी पसंद हे। हो सके तो उनकी पूजा में उन्ही के पसंद की चीज़े की जाये। उन्हें गुलाब का फूल अति प्रिय हे। इसके अलावा उन्हें दाल , फलो से बनी मिठाईया भी बेहद प्रिय हे। तांत्रिक परंपरा में जानवर की बलि दी जाती हे।
माँ का ये स्वरूप नाश करने वाला हे। माँ काली दुर्गा माँ का विध्वंशक रूप हे। वही भक्तो के लिए दयालु। माँ के चार हाथ हे।