नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती हे। ये माँ दुर्गा की ९ शक्तियों में से दूसरी सकती हे। ये जन्म से पर्वत राज की बेटी हे। जैसे जैसे वे बड़ी होती गई वे शिव की भक्ति में रमती गई। शिव को प्राप्त करने के लिए माँ ने सौ सालो का कठिन तप किया। सिर्फ माता फल और फूल खा कर ये तपस्या पूरी करि। ये देख कर सारे देवी देवताओ ने उन्हें आशीर्वाद और वरदान दिए। जिनके फल स्वरुप वे माँ ब्रहचारिणी कहलाई।माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से तप , वैराग्य , सयंम और सदाचार प्राप्त होता हे। वे जिस बात का संकल्प लेते हे उसे पूरा करके ही रहते हे। इनकी पूजा से रुकावटे दूर होती हे, सफलता मिलती हे और परेशानिया भी ख़त्म होती है ।
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