Categories: धर्म

खरमास शुरू, एक महीने के लिए लगेगा मांगलिक कार्यों पर ब्रेक

Advertisement

बरेली। गत देव उठानी एकादशी से शुरू हुए शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर अब फिर से एक महीने के लिए ब्रेक लगने जा रहा है। 14 अप्रैल के मध्य रात्रि से सूर्य के राशि परिवर्तन के कारणयह स्थिति एक माह तक रहेगी।धनु संक्रांति से मकर संक्रांति तक के काल को खरमास कहा जाता है। इस काल में सभी शुभ कार्य वर्जित माने गए है। इस काल में भगवान विष्णु की पूजा और भगवान सूर्य की उपासना का विशेष महत्व है। सूर्य ग्रह 15 दिसंबर की मध्यरात्रि  3 बजकर 28 मिनट पर अपनी मित्र राशि धनु राशि में प्रवेश करेंगे, और 14 जनवरी 2022 दोपहर 2 बजकर 29 मिनट तक इसी राशि में रहेंगे।मान्यता है कि सूर्य देव जब भी देवगुरु बृहस्पति की राशि पर भ्रमण करते हैं, तो मनुष्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता ऐसे में उनका सूर्य कमजोर हो जाता है और उन्हें मलीन माना जाता है। सूर्य के मलीन होने के कारण इस माह को मलमास भी कहा जाता है। इसलिए इस महीने विवाह, मुंडन, मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा, नवीन कार्य इत्यादि वर्जित माने गए हैं।खरमास के अशुभ समय मानकर शुभ कार्यों पर विराम लगाए जाने के पीछे एक व्यवहारिक कारण यह भी है कि जब सूर्य धनु राशि में आते हैं तब पूरा उत्तर भारत शीत लहर की चपेट में होता है। ऐसे में सांसारिक कार्यों को संपन्न कर पाना बहुत ही कठिन होता है। दूसरी ओर जब सूर्य मीन राशि में आते हैं तब भी ऋतुओं का संक्रमण काल होता है जो स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होता है। इसलिए खरमास के दौरान संयमित भाव से ईश्वर का ध्यान करना ही धार्मिक ग्रंथों में उत्तम बताया गया है।*इस कारण खरमास में नहीं किए जाते कोई धार्मिक कार्य*खरमास के दिनों में सूर्यदेव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इसके चलते बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है।वहीं, गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है। लड़कियों की शादी के कारक गुरु माने जाते हैं। गुरु कमजोर रहने से शादी में देर होती है। साथ ही रोजगार और कारोबार में भी बाधा आती है। इसके चलते खरमास के दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

*खरमास का पौराणिक महत्त्व*

भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते है। सूर्यदेव को कहीं भी रुकने की इजाजत नहीं है। लेकिन रथ के घोड़े लगातार चलने के कारण थक जाते हैं। जब घोड़ों की ऐसी हालत देखकर सूर्यदेव घोड़ों को तालाब के किनारे ले गए, तो देखा कि वहां दो खर मौजूद हैं। भगवान सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और विश्राम देने के लिए वहां छोड़ दिया और खर यानी गधों को रथ में जोड़ लिया। इस दौरान रथ की गति धीमी हो गई। जैसे-तैसे सूर्यदेव एक मास का चक्र पूरा करते हैं। और खर की जगह विश्राम कर चुके घोड़े रथ से जुड जाते हैं। जिससे सूर्य का रथ फिर से अपनी गति में लौट आता है। इस तरह हर साल ये क्रम चलता रहता है। इसीलिए हर साल खरमास का माह आता है।

*खरमास में यह करें*खरमास के महीने में पूजा-पाठ, धर्म-कर्म, मंत्र जाप, भागवत गीता, श्रीराम की कथा, पूजा, कथावाचन, और विष्णु भगवान की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। दान, पुण्य, जप और भगवान का ध्यान लगाने से कष्ट दूर होते हैं। इस मास में भगवान शिव की आराधना करने से कष्टों का निवारण होता है। शिवजी के अलावा खरमास में भगवान विष्णु की पूजा भी फलदायी मानी जाती है। खरमास के महीने में सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर तांबे के लोटे में जल, रोली या लाल चंदन, शहद लाल पुष्प डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। ऐसा करना बहुत शुभ फलदायी होता है।

    

Share this story

Advertisement
cradmin

Published by
cradmin

Recent Posts

छः दिवसीय हजरत शेख हिसामुद्दीन का सालाना उर्स शुरू

देवरनिया । नगर पंचायत देवरनियाँ में छः दिवसीय हजरत शेख हिसामुददीन उर्स थाने वाले मियाँ की मजार पर प्रति वर्ष लगने वाला…

21 mins

बाहरवाली के चक्कर में पति ने पत्नी को पीटा , मामला पुलिस तक पहुंचा

बरेली :सुभाष नगर थाना क्षेत्र के करेली गांव में एक शख्स शादी के एक साल…

24 mins

एम्बुलेंस अनियंत्रित होकर टकराई , 4  घायल

बरेली :  रामपुर से बरेली  मरीज  लेकर आ रही तेज  रफ्तार एंबुलेंस अचानक अनियंत्रित होकर…

26 mins

रंजिशन यूकेलिप्टिस के पेड़ों में लगाई आग मुकदमा दर्ज

शीशगढ़।दबंग ने रंजिशन ग्रामीण के खेत में खड़े यूकेलिप्टिस के पेडो में लगाई आग।शिकायत पर…

28 mins

गोकशी की झूठी सूचना पर दौड़ी पुलिस

शीशगढ़ ।ग्रामीणों  की सूचना के बाद गौरक्षक हिमांशु पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स  पर…

30 mins

बाइक स्वामी ने चोर को पकड़कर पुलिस को सौंपा

शीशगढ़।ग्रामीण के घर के सामने खड़ी बाइक को 5 दिन पूर्व अज्ञात चोर चोरी कर…

31 mins