मुजस्सिम खान ,
रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की 45 साल की सियासत और उनके रसूख को जमींदोज करने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आनजनेय कुमार सिंह एक बार फिर चर्चा में है उनके रामपुर से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों शोरों से होती रही है लेकिन अब उन्होंने इस चर्चा पर अपने वक्तव्य से विराम लगा दिया है। हालांकि यह बात अलग है कि उन्होंने मुस्लिम बाहुल्य इस जनपद में समुदाय विशेष की संस्कृति की पहचान वाली टोपी को पहनकर भविष्य की संभावनाओं से जुड़े कुछ ना कुछ संकेत जरूर दिए है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का उत्तर प्रदेश में स्थित रामपुर गृह जनपद है यहां की राजनीति में 45 साल तक उनका रसूख रहा है। वह मुलायम सिंह यादव की सरकार में 3 बार और अखिलेश सरकार में एक बार मजबूत मंत्री रहे हैं। सियासी गलियारों में मुलायम व अखिलेश के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके सियासी कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता था कि वह जब-जब मंत्री बने तब तब वह नंबर दो की हैसियत पर है यहां तक की मुख्यमंत्री रहते हुए भी अखिलेश यादव उनके फैसले को बदलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे लेकिन वक्त बदला और सियासत में करवट ली 2017 के विधानसभा चुनाव हुए और सूबे की सत्ता पर योगी सरकार काबिज हुई इस दौरान आजम खान का बुरा वक्त शुरू हुआ। उन पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए हैं और इस कानूनी कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने का जिम्मा उस समय के डीएम और वर्तमान में मुरादाबाद मंडल कमिश्नर आनजनेय कुमार सिंह पर था।
आजम खान की बदजुबानी वाले बयान सौम्य स्वभाव के धनी आनजनेय कुमार सिंह की भावनाओं पर सीधा हमला करते थे फिर यहीं से शुरू हुई आजम खान के बुरे वक्त की कहानी। आजम खान के मंत्री रहने के दौरान जिस जिसका भी उत्पीड़न किया गया था वह सब डर और खौफ की हदों से बाहर निकल आए और फिर शुरू हुआ उनकी शिकायतों का सिलसिला। जिले के मुखिया होने के नाते आनजनेय कुमार सिंह ने शिकायतों पर कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश मातहतों को दिए और जिसके बाद एक के बाद एक लगभग 100 से अधिक मुकदमे आजम खान पर दर्ज हुए। जिसका अंजाम यह हुआ के आजम खान को अपने बेटे अब्दुल्लाह आजम व पत्नी तंजीम फातिमा के साथ 27 महीने की जेल काटनी पड़ी और फिर उसके बाद 45 साल तक प्रदेश व देश की राजनीति में मजबूत सियासी पिलर के रूप में अपना रसूख को अदालती कार्रवाई के दौरान चंद साल ही लगे। पहले उनकी विधायक की गई और फिर उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को भी अपनी विधायकी गवानी पड़ी है।
मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर एवं वरिष्ठ आईएएस आनजनेय कुमार सिंह को लेकर रामपुर के सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि वह आगामी चुनाव बीआरएस लेकर लड़ेंगे। इस चुनावी चर्चा पर जहां रामपुर वासियों के बहुत से चेहरों पर अजीब सी खुशी देखने को मिली तो वही आजम खान के हिमायतियों के दिलों की भावनाओं पर गहरा आघात पहुंचा है। फिलहाल मीडिया से मुखातिब होने के बाद कमिश्नर ने चुनाव लड़ने की संभावनाओं को गोलमोल जवाब देकर जरूर खारिज कर दिया है। हालांकि उन्होंने रामपुर वासियों से विशेष लगाव की बात को मुस्कुराकर स्वीकार किया है।
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