बरेली । श्री शिरडी साई सर्बदेब मंदिर श्यामगंज मे कई वर्षो की तरह आज भी अनवरत 14 घंटे बिना रुके खिचडी भोज प्रसाद वितरण किया गया । मंदिर परिसर में सुबह 8 बजे से खिचडी प्रसाद वितरण की शुरुआत की गई । मंदिर महंत पंडित सुशील पाठक ने जानकरी देते हुए बताया जो रात्रि तक चला जिसमे लगभग इतनी सामिग्री का प्रयोग किया गया 17 कुन्टल चावल , 4 कुन्टल दाल उर्द की 2 कुन्टल अचार 2 कुन्टल मूली 15 पीपा रिफाइन्ड 15 किलो जीरा 3 कलो हींग 10 लाल साबुत मिर्च 1 कुन्टल चटनी 1 पीपा देशी घी, 11 गैस सिलेंडर, 11 हलवाई खिचडी प्रसाद तैयार करने के लिए लगे।
जिसमे साई श्याम भक्तो का सहयोग रहा इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्री डाक्टर अरुण कुमार प्रीती त्रिपाठी संजय आयलानी गौरव अरोरा प्रदीप राजानी मन्नी भैया सुभाष पाल राजीव सहानी खुशबू भारद्वाज सौरभ अग्रवाल नन्दकिशोर आशीष अग्रवाल शोभित श्रीवास्तव पंबन आडवानी डाक्टर विमल भारद्वाज, पवन नरेन्द्र मिश्रा पवन सक्सेना ,सान्तनू मिश्रा आदि अनेक भक्त और गणमान्य लोगो सहयोग रहा। लगभग दस हजार लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया।

इसलिए मकर सक्रांति पर्व का महत्व
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति बहुत महत्वपूर्ण त्योहार है भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद ये पर्व मनाया जाता है. इस दिन स्नान और दान किया जाता है,इस दिन खिचड़ी बनाकर भी खाई जाती है। मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान और दान की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर स्नान और दान से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।मकर संक्रांति का पर्व आज है । भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर हुआ है ।
इसीलिए आज मकर संक्रांति का पर्व हैमकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खाने की पंरपरा का उल्लेख कई प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, खिचड़ी भगवान सूर्य और शनि देव से जुड़ी है. मान्यता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। दाल, चावल और हरी सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी बनाई जाती है, इसलिए खिचड़ी को पौष्टिक आहार माना जाता है। खिचड़ी खाने से सर्दियों में एनर्जी मिलती है. साथ ही शरीर गर्म रहता है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है ।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खिचड़ी के चावल, काली दाल, हल्दी और हरी सब्जियों का विशेष महत्व है. मान्यता है कि खिचड़ी के चावल का चंद्रमा और शुक्र की शांति से महत्व है. काली दाल से शनि राहू और केतु का महत्व बताया जाता है। खिचड़ी में पड़ने वाली हल्दी का संबंध गुरू बृहस्पति से है. इसमें पड़ने वाली हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं ।वहीं खिचड़ी के पक जाने पर उससे जो गर्माहट निकलती है, उसका संबध भगवान सूर्य और ग्रहों के सेनापति मंगल से बताया जाता है। इस तरह सभी नवग्रहों से खिचड़ी का संबंध है. इसलिए इस दिन खिचड़ी के दान का बहुत महत्व माना जाता है ।