मीरगंज। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में प्रसव के बदले अवैध धन उगाही का मामला सामने आया है। जाँच में मामला सही पाए जाने पर सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक ने दोषी आशा कार्यकत्री थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।जानकारी के अनुसार, एक सप्ताह पूर्व नथपुरा निवासी उमेश अपनी पत्नी को प्रसव के लिए मीरगंज सीएचसी लेकर पहुंचे थे, जहां स्टाफ ने प्रसव के बदले पाँच हजार रुपये की मांग की। उमेश ने मजबूरी में यह राशि दे दी। यह मामला तब और गहराया जब जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी को इसकी जानकारी हुई।
उन्होंने अपनी टीम के साथ सीएचसी पर धरना प्रदर्शन किया, जिसके बाद मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया।इस प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए सीएमओ बरेली ने दो डॉक्टर्स की टीम एसीएमओ डॉ. लईक अहमद अंसारी और डॉ. पवन कपाही को जाँच का जिम्मा सौंपा। गुरुवार को जाँच के दौरान आशा कार्यकत्री रितु और स्टाफ नर्स निहारिका यादव को दोषी पाया गया। जाँच रिपोर्ट सीएमओ को सौंपी गई, जिसके बाद चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनय कुमार पाल ने मीरगंज थाने में इन दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।उधर, जिलाधिकारी बरेली ने भी एसडीएम मीरगंज तृप्ति गुप्ता को मामले की जांच सौंपी थी। शुक्रवार को एसडीएम मीरगंज ने भी सीएचसी मीरगंज पहुंचकर जांच-पड़ताल की। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई जारी है