AIMIM गुजरात की सभी मुस्लिम प्रभावित सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। तब एआईएमआईएम के उम्मीदवार सीट पर अल्पसंख्यक वोटों को विभाजित कर सकते हैं। यह संभावनाओं से भरा है। इस तरह का चुनाव अहमदाबाद एएमसी में भी देखने को मिला है, जिसमे लघुमती सीटों पर असर पड़ा हो, जबकि इसी तरह गुजरात विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है।
गुजरात में AIMIA के चुनाव से पहले भी तैयारियां तेज की जा रही हैं। उस समय असदुद्दीन ओवैसी के दौरे भी एक के बाद एक हो रहे हैं। इससे पहले ओवैसी ने जब गुजरात का दौरा किया था तब गुजरात, अहमदाबाद के जुहापुरा समेत कुछ इलाकों में उनके खिलाफ नारेबाजी हुई थी। तब बीजेपी भी चाहती है कि एआईएमआईएम इस तरह से विभिन्न सीटों पर चुनाव लड़े। ओवैसी को उनके गुजरात दौरे के दौरान सुरक्षा भी मुहैया कराई जा रही है। ओवैसी को पुलिस सुरक्षा समेत वीवीआईपी जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं। खासतौर पर ओवैसी की हर बैठक को पुलिस सुरक्षा के साथ इजाजत भी मिल रही है।
खासकर एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के आने से कांग्रेस वोटों के और टूटने की संभावना है। हालांकि शहरी इलाकों में आम आदमी पार्टी बीजेपी के लिए एक और बड़ी चुनौती है। हालांकि, सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस को टूटने की संभावना है।
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