कमलेश शर्मा शाहजहांपुर। जितिन प्रसाद का पूरा परिवार कांग्रेसी रही है | लेकिन जितिन ने परिवार की परम्परा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए है | जितिन के बारे में कहा जाता है कि जितिन प्रियंका गाँधी और राहुल गाँधी के बेहद करीब है | अचानक जितिन का कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में जाना आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस को बड़ा नुकसान माना जा रहा है | सचिन पायलट के कांग्रेस छोड़ने के बाद जितिन का कांग्रेस को छोड़ना इस बात की ओर इशारा कर रहा है कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है |
जितिन प्रसाद के करियर पर एक नजर
सर्वप्रथम जितिन प्रसाद ने सन् 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव बने,
सन् 2004 में अपने गृह लोकसभा सीट, शाहजहाँपुर से 14 वीं लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमायी तथा विजय भी प्राप्त हुई।
पहली बार जितिन प्रसाद सन् 2008 में केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री नियुक्त किया गया।
उसके बाद सन् 2009 में जितिन प्रसाद 15 वीं लोकसभा चुनाव लोकसभा धौरहरा से लड़े व 184,509 वोटों से विजयी भी हुए।
जितिन प्रसाद 2009 से जनवरी 2011 तक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय,19 जनवरी 2011- 28 अक्टूबर 2012 तक पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा 28 अक्टूबर 2012 – मई 2014 तक मानव संशाधन एवं विकास मंत्रालय, यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहें हैं।
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