बुद्धि विवेक ज्ञान को जागृत करती है पूर्णिमा
बरेली। भगवान बुध को समर्पित वैशाख मास की पूर्णिमा इस बार 5 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी। खास बात तो यह है कि इस दिन सत्ताईस योगों में प्रमुख सिद्धि योग इस दिन बन रहा है। जिस कारण पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है। वैसे पूर्णिमा का मान गत बृहस्पतिवार की मध्यरात्रि 11:30 से ही शुरू हो गया है। जो शुक्रवार को मध्य रात्रि 11:03 तक रहेगा। यह पूर्णिमा भगवान भगवान बुद्ध और विष्णु को समर्पित मानी जाती है। इस दिन पूजा अर्चना करने से बुद्धि विवेक जागृत होता है और अथाह ज्ञान की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान बुद्ध को बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
इसलिए यह पूर्णिमा ज्ञान प्राप्ति के लिए विशेष मानी जाती है। खासकर छात्रों के लिए यह पूर्णिमा किसी वरदान से कम नहीं है। इस दिन गंगा नदी में स्नान दान का भी विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की असीम कृपा भक्तों पर बरसती है।
-चंद्रग्रहण युक्त रहेगी पूर्णिमा लेकिन भारत में नहीं होगा ग्रहण का दोष
साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।
-पूर्णिमा का महत्व और पूजा विधि
बुद्ध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विषेश महत्व होता है। इससे व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है और वह खूब आगे बढ़ता है। इस दिन अगर आप किसी कारणवश नदी में स्नान न कर पाएं तो पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। साथ ही इस दिन यथा शक्ति कुछ न कुछ दान भी जरूर करना चाहिए। इसके अलावा अगर आपसे अनजाने में कोई पाप हो गया है तो इस दिन चीनी और तिल का दान देने से इस पाप से छुटकारा मिल जाता है। इस दिन सुंदरकांड ,भगवान विष्णु का जप करने से भी समस्त ग्रह शांति होती है। एवं सुख समृद्धि सरलता से प्राप्त होती है।