बरेली : बुजुर्गों को हर माह अपनी पेंशन का बेसब्री से इंतजार रहता है। जब कोई बुजुर्ग अपनी खुद की पेंशन पाने के लिए छह माह से ज़्यादा भटक रहा हो तब ऐसे शख्स पर क्या बीतेगी। जब उसको न तो विभाग के अधिकारी उसकी बात सुन रहे और न ही पेंशन विभाग उसको सुनने को तैयार है। बुज़ुर्ग की पेंशन रुकने की वजह इतनी हैं उसने नौकरी के समय अपने नाम में परिवर्तन कर लिया था। उसके बाद भी विभाग 10 साल तक बुज़ुर्ग को उस बदले हुए नाम पर पेंशन देता रहा।
कलेक्ट्रेट के कोषागार विभाग के चक्कर काट रहे फर्रुखाबाद के मूल निवासी वेदराम भास्कर पुत्र पुत्तू लाल थाना प्रेम नगर के गोपाल नगर में रहते हैं। वेदराम ने बताया वों कृषि विभाग में कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत थे। इस बीच उन्होंने बताया हिंदू समाज छोड़कर 1985 में उन्होंने सिख धर्म अपना कर बलराज सिंह बेदी नाम रख लिया। उसके बाद कानूनी रूप से नाम बदलने की जो भी प्रक्रिया होती हैं उन्होंने उसको पूर्ण किया। उसकी जानकारी उन्होंने अपने अधिकारियों को भी साझा की ताकि किसी भी तरह की उन्हें अपने विभाग में परेशानी का सामना न करना पड़े। वर्ष 2014 में कृषि विभाग से रिटायर होने पर बलराज सिंह बेदी को पेंशन मिलना शुरू हुई। विभाग 10 साल तक उन्हें लगातार पेंशन देता रहा।
पेंशन में किसी तरह की कोई दिक्कत न होने की वजह से कभी भी उन्होंने पेंशन विभाग की ओर रुख नहीं किया। उसके बाद जुलाई 2024 से बलराज सिंह बेदी की पेंशन रोक दी जाती है। बलराज सिंह बेदी पेंशन विभाग पहुंचते हैं तों उनसे जीवन प्रमाण पत्र मांगा गया तो उसमे उनका नाम बलराज सिंह बेदी पाया गया। जिसके बाद कोषागार विभाग से उनको जानकारी दी गई कि पेंशन तो वेदराम को दी जाएगी बलराज सिंह बेदी उनके अभिलेखों में दर्ज नहीं है। उसके बाद से लगातार छह माह अपनी पेंशन पाने के लिये बलराज सिंह बेदी कोषागार अधिकारी के चक्कर लगा रहे हैं।
बलराज सिंह कहते हैं वों लगातार अपनी पेंशन के लिए इस विभाग से उस विभाग की ठोकरे खा रहे हैं। कोई भी अधिकारी उनको सुनने को तैयार नहीं है। दस साल से ज़्यादा बीत चुके हैं बलराज हुए वेदराम अपना नाम पीछे छोड़ आए हैं। अब उनकी पहचान बलराज बेदी से हैं कहते एक बैग तैयार हो गया शिकायती पत्र देते हुए।
वर्जन….
मुख्य कोषागार अधिकारी शैलेश कुमार कहते हैं बुजुर्ग की पेंशन की समस्या के बारे में मामला संज्ञान में आया है। पेंशन रुकने की वजह उनके नाम में परिवर्तन को लेकर आई है। पेंशन के नए नियम में जीवन प्रमाण पत्र देना होता है।अभिलेखों में उनका नाम वेदराम हैं जबकि इस समय उनका नाम बलराज सिंह बेदी है। हालांकि उनकी समस्या संयुक्त कृषि निदेशक विभाग द्वारा दूर की जा सकती है जिसको लेकर विभाग उनके नाम की बदली का पेंशन विभाग को एक पत्र लिखेंगे।