अहमदाबाद : नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भूपेंद्र पटेल की मौजूदा कैबिनेट से कुछ मंत्रियों को हटा दिया जाए तो यह सामान्य जैसा ही होगा. माना जा रहा है कि सोमवार दोपहर दो बजे अस्तित्व में आने वाली नई सरकार में मुख्यमंत्री समेत 25 या उससे ज्यादा 28 सदस्यों वाली कैबिनेट नहीं बनेगी. जिसमें पुराने खिलाड़ियों समेत कई नए चेहरों को जगह मिलेगी. इस बार गुजरात के हर जिले में बीजेपी का उदय हुआ है, इसलिए प्रत्येक जिले और जाति समाज को संतुलित करते हुए, कैबिनेट, विधानसभा में अध्यक्ष सहित छह अहम पदों की लोगों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. गौरतलब है कि 156 में से 63 मौजूद और 22 पूर्व विधायक हैं. जबकि 71 प्रत्याशी पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं. इनमें से 12 नगर पालिका-पंचायतों में मेयर, डिप्टी मेयर या अध्यक्ष या विभिन्न समितियों के अध्यक्ष रह चुके हैं. जबकि जाति समुदाय के अनुसार 156 में 41 पाटीदार और ओबीसी के विभिन्न 14 जाति समुदायों के 55 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है.
विधानसभा की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 13 सीटों में से 11 पर भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. जिसमें एक मेघवाल, एक वाल्मीकि, एक महावंशी दो रोहित व छह बुनकर समुदाय के हैं. जबकि पहली बार बीजेपी को 27 अनुसूचित जनजाति और 24 आदिवासी विधायक मिले हैं. इसलिए भाजपा हर जाति समुदाय के बीच संतुलन बनाकर मंत्रिमंडल में जगह देने की तैयारी कर रही है.
जोन के हिसाब से किसके खाते में कितनी सीटें?
नतीजों पर नजर डालें तो उत्तर गुजरात की कुल 32 सीटों में से बीजेपी को 22, कांग्रेस को 8 और निर्दलीयों को 2 सीटें मिली हैं. वहीं सेंट्रल गुजरात की 61 सीटों में से बीजेपी को 55, कांग्रेस को 5 सीटें मिली हैं सीटें और एक निर्दलीय को मिली है. जबकि कच्छ-सौराष्ट्र जोन की 54 सीटों में भाजपा को 46 सीटें, कांग्रेस को 3, आम आदमी पार्टी को 4 सीटें और अन्य को एक सीट मिली है. तो दक्षिण गुजरात की 35 सीटों में से बीजेपी को मिली 33 सीटें, कांग्रेस को 1 सीट, आम आदमी पार्टी को 1 सीट मिली है.