बंदरों के हमले में हो चुकी है अब तक कई मौत,
बरेली। बंदरो के आतंक से शहर हो या देहात सभी जगह लोग परेशान है। हाल में बंदरों ने ना केवल केवल लोगों को काटा है बल्कि एक बच्ची की मौत के कारण भी बने है। इसी क्रम में राष्ट्रीय महासचिव हाजी मोहम्मद इकबाल ने बताया कि शहर और गांव में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। बंदों के कारण बच्चे की मौत भी हो गई। कई लोग जख्मी भी हैं । बन्दरों की संख्या अधिक बढ़ गई है। पिछले कई वर्षों से बंदरों को पकड़वाया नहीं गया है । उत्पाती बन्दरों ने चैनपुर पुर क्षेत्र के गांव शिवपुरी में मासूम बच्ची नर्मद की जान ले ली। कुछ दिन पूर्व चार माह के मासूम की 17 जुलाई 2022 को पिता निर्देश कुमार की गोद से छीन कर पटक दिया और जान ले ली। मासूमों की असमय मौत के जिम्मेदार वन विभाग के साथ जिला प्रशासन, नगर प्रशासन मौन है ।
यदि समय रहते बंदरों को पकड़वा कर दूर जंगलों में छुड़वा कर ग्रामीण क्षेत्र व नगर क्षेत्र को बन्दरो से मुक्त करा दिया गया होता, तब यह मासूम हमारे बीच होते । हजारों की संख्या में उत्पाती बन्दरों महानगर क्षेत्र से निकट ग्रामीण व कृषि क्षेत्र में किसानों की फसलों , फलों सब्जियों को रात दिन खा कर नष्ट कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी जिन की जिम्मेदारी है। बंदरों की पकड़वा कर क्षेत्र को मुक्त कराना चाहिए। वही वन विभाग अधिकारी बन्दरों को पकड़वाने को लेकर कहते है कि हमारे पास बजट नहीं है । बल्कि वह शासन तथा जिला प्रशासन से बजट ही नहीं मांगते हैं लिखित रूप में । राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार बन्दरों को पकड़वाने के वास्तव में धन वन विभाग को उपलब्ध कराये । वही ग्रामीण क्षेत्र के बन्दरों को पकड़वा कर दूर घने जंगलों में छुड़वाने की व्यवस्था करे। महानगर , टाउन एरिया क्षेत्र के बन्दरों को वन विभाग के सहयोग से पकड़वा कर छुड़वाया जाय । ज्ञापन के दौरान आमिर रजा एडवोकेट , आमिर खान एडवोकेट , कंचन एडवोकेट , इमरान अंसारी एडवोकेट , शाहिद एडवोकेट राजा बाबू एडवोकेट आदि मौजूद थे।