बरेली। झारखंड गवर्नर संतोष गंगवार ने लाल बाग के राजा के दर्शन कर आशीर्वाद लिया है। वह लाल बाग के राजा के दर्शन के दर्शन के शनिवार को अपने तय समय से पहुंचे । दर्शन के दौरान महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार ने मराठी परिवारों के साथ कुछ समय बिताया और उनका हाल चाल भी जाना। संतोष गंगवार झारखंड के महामहिम राज्यपाल बनने से पहले बरेली से आठ बार सांसद रहे है। उनकी हर गली और यहां के रहने वाले परिचित है। वह बरेली में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में आम व्यक्ति की तरह ही शिरकत करते है। यही वजह है कि महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार क्षेत्र के लोग विशेष लगाव रखते है।
मराठी समाज ने गणेश उत्सव के लिए की है विशेष तैयारी
मराठी समाज गणेश जी का जन्मोत्सव को बरेली में धूमधाम से मना रहा है । कार्यक्रम के पहले दिन गणेश जी की प्रतिमा की भव्य रथ यात्रा शोभा यात्रा साहूकारा बाजार से निकाली गई। शोभायात्रा में गणपति बप्पा मोरिया मंगल मूर्ति मोरया के जय घोष के साथ के सभी गणेश भक्त ढोल नगाड़ों की आवाज पर झूमते नाचते गाते शोभायात्रा में चल रहे थे। यह शोभा यात्रा बड़ा बाजार कुतुब खाना होते हुए छत्रपति शिवाजी मार्ग सर्राफा मार्केट में बाबूराम धर्मशाला स्थित पहुंचकर समाप्त हुई । शोभायात्रा में महाराष्ट्र के सांगली जिले से मंगवाई गई भगवान श्री गणेश जी की विशालकाय अदभुत प्रतिमा सभी गणेश भक्तों का आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
शोभायात्रा में सभी भक्तजन विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का आशीर्वाद ले रहे थे। शोभायात्रा के बाद अष्टविनायक भगवान गणपति बप्पा की प्रतिमा की स्थापना श्री गणेश महोत्सव कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम राज्यपाल संतोष गंगवार , उनकी बेटी श्रुति गंगवार के द्वारा स्थापना कर विधिवत पूजन कर मंत्र उपचार के साथ आरती के साथ की गई । आरती के पश्चात झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार व श्रुति गंगवार ने भगवान श्री गणेश जी का आशीर्वाद लिया एवं प्रसाद ग्रहण किया। मुख्य अतिथि माननीय श्री संतोष गंगवार जी ने कहा सभी देशवासियों को गणेश चतुर्थी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं व गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर सभी श्री गणेश महोत्सव के अनुयाई गणेश भक्तों को बधाई दी। सस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष अनिल पाटिल ने कहा कि श्री गणेश महोत्सव या त्योहार महाराष्ट्र का है पिछले 29 वर्ष पहले छोटे से स्तर से इसकी शुरुआत हुई थी और आज गणेश चतुर्थी का त्यौहार बरेली वासियों का आस्था का केंद्र बना हुआ है ।इस त्यौहार में अपार जन समुदाय शामिल हुआ है।