बरेली । हाफिजगंज थाना क्षेत्र के सैंथल में बनी जीटीआई की बिल्डिंग भूतिया बन चुकी है। सपा सरकार में यह बिल्डिंग इस मकसद से बनाई गई थी जिस कस्बे को जिले में अच्छे डॉक्टर देने का श्रेय है तो अब यहां से अच्छे इंजीनियर भी सूबे को दिए जा सकेंगे । जब तक यह प्रोजेक्ट बनकर तैयार होता तब तक सरकार बदल गई। अब यह करोड़ो रूपये की लागत से बनी बिल्डिंग शुरू होने के इंतजार में है।
अब यह बिल्डिंग जुआरियों को अड्डा बन चुका है।यहां के स्थानीय बताते है कि वर्ष 2014 में जीटीआई बनाने का प्रोजेक्ट की बात शुरू हुई थी इसके बाद सपा की सरकार चली गई । बाद में जीटीआई का निर्माण भाजपा सरकार में शुरू हुआ । कुछ समय बाद इसका निर्माण शुरू हो गया। बिल्डिंग में पंखे , टंकी के साथ समस्त आधुनिक समय की जरूरत की चीजें लगाई गई । इसके बाद सरकार भूल गई। आज यह बिल्डिंग कबाड़ हो चुकी है। हालांकि यहां से लोहे का सामान चोरी होने लगा है। यहां कोई यह बताने वाला नहीं है कि कब इसकी शुरुआत होगी। अगर यह शुरू हो जाये तो स्थानीय लोगों को फायदा होगा । कोर्स करने के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा।
मीरगंज में कई सालों से बिल्डिंग हो रही है कबाड़
मीरगंज क्षेत्र के सिधौली में सपा सरकार ने 230 लाख की लागत से आईटीआई का निर्माण कराया था। जिसका निर्माण आज भी अधूरा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि
युवाओं को तकनीकी कोर्स के लिए प्राइवेट कॉलेजों में जाना पड़ता है। अगर यह सुविधा कस्बे में मिल जाये तो यहां के युवाओं को आईटीआई की पढ़ाई के लिए बाहर जाना नहीं पड़ेगा।
बजट कम पड़ने के चलते रह गया अधूरा निर्माण
जानकार बताते है बजट कम पड़ने की वजह से आईटीआई भवन का निर्माण अधूरा रह गया। दस साल से बजट की आस में अधूरा भवन भी खंडहर हो गया। परिसर में झाड़ियां उग आई। आईटीआई सिधौली के नाम से कागजों में शुरू हो गयी लेकिन पढ़ाई यहां आज तक शुरू नहीं हुई।