बरेली। सनातन धर्म में हर अमावस्या का विशेष महत्व होता है अमावस्या का दिन यदि सोमवार पड़ जाए तो वह सोमवती अमावस्या कही जाती है इस बार सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को मंगलकारी संयोगों में पड़ रही है।यह सोमवती अमावस्या भगवान शिव को पूर्ण रूप से समर्पित मानी गई है। और ज्योतिष के अनुसार अमावस्या के दिन कालसर्प दोष पितृ दोष और अल्प आयु दोष के निवारण के लिए विशेष रूप से पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन स्नान और दान- पुण्य का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण करने से पितरों को सद्गति की प्राप्ति होती है और सोमवती अमावस्या के दिन पूजन का फल कई गुना अधिक प्राप्त होता है। इस बार सोमवती अमावस्या कई शुभ संयोगों को संजोए हुए हैं जिस कारण इसका महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया है।
ज्योतिष के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन हर्षण योग, पुनर्वसु नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि इस दिन हर्षण योग सुबह 07 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और पुनर्वसु नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। इसके साथ इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण निर्माण होगा। इसके साथ इस विशेष दिन पर श्रावन मास का द्वितीय सोमवार व्रत रखा जाएगा। ऐसे में इन लोगों में की गई पूजा अर्चना से भगवान शिव के साथ पितरों की भी असीम कृपा प्राप्त होंगे साथ ही जन्म कुंडली में आए समस्त दोषो का शमन होगा और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी जीवन में तेज होगा।

*सोमवती अमावस्या की पूजा विधि*
इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगाजल से स्नान करना चाहिए। यदि गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं है तो घर पर नहाते समय पानी में गंगा जल मिलाकर भी स्नान करना चाहिए। इस दिन आप उपवास रख रहे हैं, तो पूजा करते समय इसका संकल्प लें, उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।इस दिन पूर्वजों के नाम तर्पण व दान करना भी शुभ माना जाता है। पितरों के निमित्त तर्पण करें। साथ ही जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें। यदि संभव हो तो, सोमवती अमावस्या के दिन पीपल, बरगद, केला, नींबू या फिर तुलसी के पेड़ का वृक्षारोपण भी करना चाहिए। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा मजबूत होता है। वहीं इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन से जुड़ी समस्या भी दूर होती है। सोमवती अमावस्या पर सुहागिन महिलाएं पीपल के वृक्ष पर पूजा करती हैं और भगवान शिव-पार्वती की भी पूजा की जाती है। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है।