- प्रसाद चढ़ाने से पीलिया से मरीजों को मिल जाता है छुटकारा Advertisement
- मंदिर में दो शनिवार आकर बाबा भोलेनाथ के करने होते है दर्शन
भीम मनोहर
बरेली। शेरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव डेलपुर में स्थित पीलिया बाबा का मंदिर कई वर्षों से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। दरसल इस मंदिर में उन लोगों का ज्यादा आगमन रहता है जो पीलिया (jaundice) की बीमारी से ग्रस्त है। जिनको डॉक्टरों से कोई फायदा नहीं हो पा रहा है। यहां पहुंचने वाले मरीजों में देश के ही नहीं विदेश के लोग भी होते है। यहां इलाज के नाम पर एक रुपये नहीं लिया जाता है। यहां मरीज को बस यह करना होता है कि उसे दो शनिवार को मंदिर आना होता है और मंदिर आकर अपनी श्रद्धा के मुताबिक 10 रुपये लेकर जितनी मरीज की इच्छा हो उसके मुताबिक प्रसाद को चढ़ाया जा सकता है। साथ ही यहां के पुरोहित देवऋषि के मरीजों के लिए कुछ परहेज़ भी बताते है जिससे मरीज सही हो सके।
पुरोहित देवऋषि कहते है कि पीलिया मंदिर पर आने वाले मरीजों को देशी घी के साथ तबे पर हल्दी भुंझकर खाने के साथ तेल ,डालडा घी , मिठाई, नॉनवेज के प्रयोग को मना करते है। यह परहेज केवल 22 दिन तक चलता है। मरीज को केवल देशी घी के छौंका हुआ खाने को कहा जाता है। और महीने के चौथे शनिवार को भी आना पड़ता है। इसके बाद कोई परहेज नहीं करना पड़ता है।
160 वर्षो से पीलिया मंदिर पर हो रहा है इलाज
मंदिर के पुरोहित बताते है कि डेलपुर गांव में उनका परिवार करीब 160 वर्षो से पीलिया का इलाज कर रहा है। वह खुद तीसरी पीढ़ी के और उनकी उम्र भी 74 वर्ष के आसपास हो रही है। पीलिया के इलाज के लिए उनके पिता की मौत से कुछ समय सिद्धि मिली थी उनके बाद उनका बेटा पीलिया की दवा देगा। पुरोहित देवऋषि का यह भी कहना था कि इस मंदिर के लिए बाबा भोलेनाथ का विशेष आशीर्वाद प्राप्त है। उनके आशीर्वाद से यहां पहुंचने वाले मरीज केवल प्रसाद चढ़ाने से सही हो जाते हैं।
मंदिर पर कई विदेशी मरीज हो चुके है ठीक
पीलिया मंदिर के पुरोहित का दावा है कि डेलपुर स्थित मंदिर में आने से कई विदेशी मरीज ठीक हो चुके है। उन्हें ध्यान है कि मंदिर पर ऑस्ट्रेलिया, कनाडा , दुबई से की मरीज आये है सब ठीक हुए है। कुछ मरीज तो ऐसे ठीक हुए है जिन्होंने उनसे गूगल पर जानकारी होने के बाद उनसे फोन पर संम्पर्क किया और ठीक हो गए पर उनका वादा था कि वह ठीक होने के दो साल के अंदर मंदिर पर आकर बाबा के जरूर दर्शन करेंगे।
बिगड़ा हुए पीला का पक्का इलाज
मंदिर के महंत देव ऋषि बताते है कि पीलिया दो तरह का होता है , एक पीलिया पीला होता है तो दूसरा काला होता है। काला पीलिया सबसे ज्यादा खतरनाक होता है, पर उनके यहां पहुंचने वाले मरीज केवल दो बार आकर पूरे तरह से ठीक हो जाते है।
मंदिर परिसर में शनिवार को जुटते है श्रद्धालु
डेलपुर स्थित मंदिर में पीलिया बीमारी से ग्रस्त लोग बड़ी संख्या में पहुंचते है। और भगवान भोले के दर्शन के साथ प्रसाद चढ़ाकर कुछ ही देर में वापस अपने घर चला जाता है। इसके बाद चौथे शनिवार को अगले क्रम में प्रसाद और दर्शन करता है।