रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को एक मामले में राहत मिली तो वहीं दूसरे मामले में उनकी मुश्किले बरकरार रही है। दरअसल आजम खान के दो मामलों में अलग-अलग न्यायालयों के द्वारा फैसले सुनाए गए हैं। जिनमें से सेशन कोर्ट से उनको सजा के खिलाफ की गई दायर अपील में राहत नहीं मिल सकी है। वहीं दूसरी ओर एमपी एमएलए लोअर कोर्ट का फैसला उनके हक में आया है जिसमें हत्या के प्रयास जैसी संगीन धारा में दर्ज मामले में उन्हें बरी कर दिया गया है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीतापुर और अब्दुल्ला आजम को हरदोई की जेल से रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर उनके विरुद्ध दर्ज जानलेवा हमले के एक मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया गया है। जबकि सेशन कोर्ट से 7 साल की सजा पर दायर की गई अपील की अर्जी को खारिज करते हुए निचली अदालत द्वारा पारित की गई सजा को बरकरार रखा है।
गौरतलब है कि प्रदेश में योगीराज कायम होने के बाद आजम खान के बुरे दिन शुरू हो गए थे और अखिलेश सरकार के दौरान सत्ता की हनक के चलते उनके द्वारा कई ऐसे कार्य किए गए जिसका खमियाज़ा वह अब तक बड़े पैमाने पर भुगत रहे हैं। आजम खान पर दो जन्म प्रमाण पत्र, सरकारी चकरोड कब्जाने, भैंस चोरी, बकरी चोरी, मशीन चोरी, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और सरकारी जमीन कब्जाने आदि सहित कई संगीत अपराधों में 100 से अधिक मामले दर्ज हुए थे जिनमें से अब 85 मामले विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। फिलहाल उन्हें दो जन्म प्रमाण पत्र आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और पड़ोसी से मारपीट किए जाने के तीन मामलों में कोर्ट के द्वारा पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है। जबकि जानलेवा हमले के मामले में आजम खान सहित चार को बरी कर दिया गया है।