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Rampur :आज़म खान के करीब सीओ की 18 मामलों में जमानत खारिज

 

मुजस्सिम खान

रामपुर : कर भला हो भला, कर बुरा अंत बुरा,,,, सदियों से यह कहावत हमारे समाज में प्रचलित है और अब यह कहावत रामपुर में होती दिख रहे  है, एक समय वह था जब समाजवादी पार्टी सरकार में रामपुर के पुलिस के सीओ सिटी रहे आले हसन खान की तूती बोला करती थी यहां तक के बड़े-बड़े आईपीएस अधिकारी इस अदना से ऑफिसर के नाम के आगे भाई लगाना नहीं भूलते थे क्योंकि कारण साफ था कि सीओ सिटी तत्कालीन मंत्री एवं सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेहद करीबी थे।

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कथित तौर पर उन्होंने अपनी तैनाती के दौरान अनगिनत लोगों को समय-समय पर चरस की बरामदगी के झूठे मामलों में जेल तक भेज दिया करते थे । जिस कारण उन्हें चरस वाले बाबा तक का  खिताब मिल चुका था लेकिन वक्त बदला और फिर उनके अंत की शुरुआत होनी शुरू हो गई ।अब वह जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन लेने के लिए किसानों को मारने पीटने प्रताड़ित करने के 27 मामलो में से कुछ मामलों में विला जेल में बंद है ।उन पर दर्ज अधिकतर मुकदमें रामपुर के विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट में विचाराधीन हैं।

 

 

अदालत में सुनवाई के दौरान लगातार गैरहाजिर रहने पर पुलिस ने एनबीडब्ल्यू की तामील कराते हुए उन्हें 7 मई को अदालत में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। अब उनकी सुनवाई के दौरान 18 मामलों में आले हसन का जमानत पत्र विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल से खारिज हो चुका है शेष 9 मामलों में सुनवाई के लिए दिनांक 22/05/2023 की तिथि नियत है।

 

 

अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी के मुताबिक …वर्ष 2019 में थाना अजीम नगर में वहां के किसानों ने मुकदमा पंजीकृत कराया था आले हसन खान और मोहम्मद आजम खान और उनके सहयोगियों के विरुद्ध, जिसमें पुलिस ने विवेचना करके 30 मामलों में आरोप पत्र माननीय न्यायालय में प्रेषित किया था उसमें आले हसन वांछित थे और लंबे समय से गैरहाजिर चल रहे थे।

फोटो में अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी

 

पत्रावली हाजिरी में थी और 2 मामलों में एनबीडब्ल्यू जारी था क्राइम नंबर 254 और 261 में, जिसमें पुलिस ने 7 तारीख को गिरफ्तार करके आले हसन को जिला कारागार में निरुद्ध किया था और उसके बाद आले हसन के अधिवक्ता द्वारा शेष मुकदमों में तलब कर वारंट बनाने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था उसके बाद जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया जिसमें मेरे द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र पर विरोध किया गया था, 18 मामलों में आले हसन का जमानत पत्र विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल से खारिज हो चुका है शेष 9 मामलों में दिनांक 22/05/2023 की तिथि नियत है अब तक 18 मामलों में जमानत खारिज हो चुकी है। इनके ऊपर चार्ज था 389 386 420 120बी 323 342 447 आईपीसी 504 506 का चार्ज था कि इन्होंने किसानों को बुला करके और कमरे में बंद करके और जबरदस्ती जमीन मिलाने के लिए प्रताड़ित किया मारा-पीटा और जमीन को मिलवा लिया।

बाइट: अमरनाथ तिवारी अभियोजन अधिकारी

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