बरेली। जिले में करीब चार साल पहले पीएम मोदी के कार्यकाल में एक कर्मचारी निधि संगठन का (ईएसआईसी )का हॉस्पिटल बनना था । 63 करोड़ रुपये से कीमत से जमीन को खरीदा गया साथ ही 4 करोड़ के आसपास सरकार के खाते में स्टाम्प की रकम भी दी गई। उस समय के तत्कालीन सांसद एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने दावा किया था । बरेली में 100 बेड का बनने वाला हॉस्पिटल आसपास के जिलों में आधुनिक होगा। पर उनका दावा आज भी अधूरा रह गया । दरसल यहां आईटीआर कंपनी का बंगला नंबर 11 हुआ करता था जो कभी कंपनी के प्रबंधक के रहने का ठिकाना था ।
जब कंपनी का समय खराब हुआ तो यहां की व्यवस्थाएं चौपट हो गई और उस समय की मायावती सरकार ने कंपनी के एक हिस्से को एक निजी कंपनी के हाथ बेच दिया। इस क्रम में बजट 2025 पर चर्चा के लिये बरेली पहुंचे प्रभारी मंत्री जेपीएस राठौर से पत्रकारों ने पूछा कि मंत्री से बरेली में मोदी सरकार की योजना में बनने वाला ईएसआईसी के अस्पताल उदघाटन के चार वर्ष बाद भी नहीं बन सका है।
पहले मंत्री ने पूछा यह होता क्या है। इसके बाद मंत्री जी के पास बैठे सांसद छत्रपाल ने मंत्री जी के कान में कहा यह होता है। स्थिति संभालते हुए मंत्री राठौर बोले कि यह सवाल बहुत अच्छा है। वह प्रशासन से इस मुद्दे पर बात करते है। इसके बाद मंत्री जेपीएस राठौर ने एक दो और सवालों का उत्तर देकर अपनी पीसी को समाप्त कर दिया।