बरेली:- ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए विधानसभा में बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में मुसलमानों के उलमा और मां बाप को चिंतन करने की ज़रूरत है कि कौन सी ऐसी परिस्थितिया आ गई है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ये कहा रहे हैं कि मुस्लिम बहुल इलाको या मस्जिद के सामने से हिन्दूओं की शोभा यात्रा क्यों नहीं निकल सकती।
जुलूसों में भगवा झंडा क्यों न लगे, धार्मिक संगीत क्यों न बजे। मुख्यमंत्री ने मौहर्रम के जुलूसो का भी जिक्र किया। मौलाना नें कहा कि मुख्यमंत्री की बातों पर जरूर चिंता हो रही है कि दोनों समाज के लोग किस दिशा में जा रहे हैं, और किस तरह की सोच और विचार पैदा हो रहें हैं।
मौलाना ने कहा कि यही हिन्दू और मुसलमान थे जिन्होंने एक साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ कई जंगे लड़ी , और हर जंग में भारत के मुसलमानो ने पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर आवाज बुलंद की। एक मुसलमान नौजवान ब्रिगेडियर वीर अब्दुल हमीद ने पाकिस्तानी फौज के 16 टैंक तोड़े थे।
भारत को फौजी ताकत देने वाले और दुनिया में भारत की ताकत का लोहा मनमाने वाले मिज़ाइल मैंन डाक्टर एपीजी कलाम जैसे मुसलमानों की सरहाना कोई नहीं करता है। देश के साथ वफादारी में मुसलमानों का जिक्र कोई नहीं करता, अगर किसी नौजवान से कोई ग़लती हो गई तो उस गलती को पूरी कौम पर थोप दिया जाता है, जबकि इस तरह की गलतियां हर समुदाय में रहने वाले किसी न किसी व्यक्ति से हो जाती है।
मौलाना ने कहा कि जो लोग मस्जिदो , मदरसों, दरगाहों पर रोजाना आपत्तिया करते रहते हैं उनके योगदान से इतिहास के पन्ने भरे पड़े हैं, मगर उसकी कोई चर्चा नहीं करता। अफसोस तो यहां होता है कि ये संस्थाएं हुकूमत की इमदाद हासिल किए बगैर मुस्लिम कौम के चंदे से चलती है। इनके रख रखाव, उत्थान और शिक्षा की गुणवत्ता के लिए किसी को फ़िक्र नहीं है। जबकि जांच के नाम पर रोजाना इन संस्थाओं के प्रबंधकों को नोटिस थमाया जाता है ।और अधिकारियों के रोजाना दबिश देने और दर्जनों सवालों जवाब के लिए सभी लोग हाजिर रहते हैं। पहली सर्वे रिपोर्ट का क्या हुआ, दूसरे जांच पणताल का क्या हुआ और अब तीसरी जांच रिपोर्ट का क्या होगा।
हुकूमत का कोई भी नुमाइंदा बात करने के लिए तैयार नहीं है। मौलाना ने कहा सदियों से यहां लोग एक साथ रहते हैं मस्जिदो व दरगाहों के सामने से हिन्दूओं के जुलूस निकालते रहे हैं और भाविष्य में भी निकलते रहेंगे , मठ और मंदिरों के सामने से मुसलमानो के जुलूस निकलते रहे हैं और भाविष्य में भी निकलेंगे। दोनों सम्प्रदाय के नौजवान अपने ज्जबात पर काबू रखें और इन जुलूसों में भाग लेने वाले बड़े और बूढ़े नौजवानो की गतिविधियों पर नजर रखे तो कहीं भी कोई घटना नहीं हो सकती है। ये देश हिन्दू मुस्लिम भाईचारा और मिले जुले समाज से बना है, दोनों समुदाय का आपस में अटूट रिश्ता है जो सदियों से चला आ रहा है, वो चंद सालों में नहीं टूट सकता है।
कुछ भारत विरोधी विदेशी ताकतें देश को कमजोर करना चाहती है।मौलाना ने आगे कहा देश में कुछ लोग मुस्लिम बादशाहों में बाबर व अकबर का नाम लेकर भारत के मुसलमानो को इनकी औलाद कह कर प्रताड़ित करने का काम कर रहे हैं। मैं उन लोगों को बताना चहता हूं कि मुसलमान बाबर व अकबर का पैरोकार नहीं है, और न ही इन मुस्लिम बादशाहों को अपना धर्म गुरु न रहनूमा मानता है। मुसलमानो के रहनूमा व आईडिएल ख्वाजा गरीब नवाज और आला हजरत है।