पंडित सुशील पाठक
बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा और व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल होती है और तरक्की के मार्ग खुलते हैं। इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन विशेष चीजों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है
*बसंत पंचमी पर करें ये दान*
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को समर्पित है। जिन बच्चों का मन मे नही लगता उन बच्चो के हाथ से पढ़ाई से संबंधित चीजों का श्रद्धा अनुसार बच्चों में दान करें।या फिर धार्मिक ग्रंथो का दान ब्राह्मणो को देना उचित माना जाता है कि ऐसा करने से मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।मां सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय है। ऐसे में इस खास असवर पर पीली रंग की चीजों का दान करना बेहद शुभ माना गया है।
इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन फूलों का दान करना लाभकारी होता है। आप किसी भी फूल का दान कर सकते हैं। मां सरस्वती की पूजा के दौरान उन्हें फूल अर्पित कर सकते हैं। मान्यता है कि फूल का दान करने से वाणी, बुद्धि और आतंरिक कुशलता में वृद्धि होती है।बसंत पंचमी के मौके पर किसी कन्या या फिर ब्राह्मण को श्रद्धा अनुसार वस्त्र दान करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में खुशियों का आगमन होता है और मां सरस्वती की कृपा सदैव बनी रहती है।
मान्यता के अनुसार, मां सरस्वती को मीठे पीले चावल और मिठाई प्रिय हैं। मां सरस्वती की पूजा के दौरान उन्हें मीठे पीले चावल और मिठाई अर्पित करें। इसके पश्चात लोगों में प्रसाद का वितरण करें। ऐसा करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं।
*बसंत पंचमी खाटूश्याम भक्तो के लिए बिशेष
श्री शिरडी साई खाटूश्याम सर्बदेब मंदिर श्यामगंज के महंत पंडित सुशील पाठक ने जानकारी देते हुए बताया खाटूश्याम को उपरी बस्त्र और फूलो का श्रंगार नित्य प्रति किया जाता लेकिन बस्त्रो के एक बिशेष बस्त्र ( बाघा) जो सिर्फ ब सिर्फ बसंत पंचमी पर बदला जाता है उस बाघे का प्रसाद लेने को श्याम भक्त बहुत उत्साहित रहते है ऐसी मानयता है कि श्याम भक्त उस बाघे का ताबीज बनाकर बहनते है तो कुछ अपने दुकान मकान की तिजोरी मे संभाल कर रख देते है जिससे सालभर बाबा श्याम की कृपा उनको दुकान मकान और उनके परिवार बनी रहती है श्री शिरडी साई सर्बदेब मंदिर श्यामगंज भे बंसत पंचमी बाबा श्याम का पीली फूल मालाओ से श्रंगार कराया जाएगा और पीले मीठे चाबल का भोग अर्पित कर प्रसाद बितरण किया जाएगा।