बरेली। ऑल इंडिया जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जस्टिस नरीमन के बयान पर नाराजगी जताते हुए नए जख्म को कुरेदना बताया है। दरसल मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने यह बात सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आरएफ नरीमन ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निराशा जताई थी और कहा था कि 2019 के इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे न्याय का उपहास बताया था। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया कि फैसले ने सेक्युलरिज्म के सिद्धांत के साथ न्याय नहीं किया ।
इस बात को लेकर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक बयान जारी किया और कहा कि एक बार फिर बाबरी मस्जिद का फैसला सुर्खियों में लाने वाले पूर्व जज नरीमन है। जिस समय फैसला हो रहा था उस समय नरीमन साहब जज हुआ करते थे। आज जो वह बात कह रहे है यह बात कहने की उनके कलम में ताकत थी। उस वक्त वह खामोश और तमाशबीन बने रहे । आज कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे है। यह बात उनकी समझ में नहीं आती। आखिर उनकी मंशा क्या है। क्या वह चाहते है ,किस तरह का माहौल वह बनाना चाहते है।
उन्होंने यह भी कहा कि बाबरी मस्जिद के फैसले पर मुसलमानों ने खामोशी रखी और फैसले को माना और पूरी दुनिया ने जाना और किसी मुसलमान ने संविधान पीठ के सामने चेलेंज नहीं किया और किसी ने एतराज नहीं किया।क्या वह इस तरह की बातें करके मुसलमानों को भड़काना चाहते है। और वह नए जख्म को कुरेदना चाहते है।जज नरीमन का मकसद क्या है यह हम सभी को जानना होगा।