आंवला की जनता  शिक्षा -स्वास्थ्य -रोजगार के नाम पर करेगी वोट 

SHARE:

बरेली : आंवला सीट पर विकास की तमाम संभावनाएं है लेकिन यहां हुए जनप्रतिनिधियों ने कभी इस क्षेत्र को वह पहचान दिलाने की कोशिश नहीं की , जिसके लिए वह हक़दार है। इनके यहां के युवा रोजगार के लिए दिल्ली -हरियाणा -मुंबई के लिए बड़ी संख्या में पलायन करते है। यहां के देहात क्षेत्र के रोड़ आज भी जर्जर पड़े है। क्षेत्र में रोजगार देने के नाम पर एक बड़ी फैक्ट्री है।  सरकारी कॉलेज के नाम पर नाम मात्र के कॉलेज है।

 

 

 

उच्च शिक्षा के लिए युवाओं को बरेली और बदायूं जाना पड़ता है। आंवला लोकभारती संवाददाता अरविंद पेंटर ने युवाओं से बातचीत करके युवाओं के मन को टटोलने की कोशिश की और यह भी जाना वह किस मुद्दे पर वोटिंग करने जा रहे है।

 

आंवला कस्बे के गंज मोहल्ले के रहने वाले रजत ने बताया कि वह चाहते है कि उनका जनप्रतिनिधि पढ़ा लिखा ताकि वह उनकी समस्या को सुन सके और उन्हें महसूस भी कर सके। आमतौर पर देखा जाता है कि युवा नौकरी के लिए वर्षों तैयारी करता है , जब समय आता है तब तक वह ओवर ऐज हो जाता है।  तो वह उस नेता को अपना जनप्रतिनिधि बनाएंगे जो उन्हें समय रहते घर में ही नौकरी दिलाये ,क्षेत्र में बढ़िया फैक्ट्री लगाए , शिक्षा के क्षेत्र में भी काम करें।

 

 

 

वीरेंद्र कुमार बताते है कि वह लखनऊ में अपनी पढ़ाई कर रहे है। इस बार वह रोजगार को ध्यान में रखकर वोट करेंगे। आंवला की तीन विधानसभाओं में अभी तक स्नातक करने के लिए सरकारी कॉलेज  , मेडिकल कॉलेज ,आईटी कॉलेज नहीं है । वह चाहते है कि इस बार उसे अपना वोट दे जो क्षेत्र में शिक्षा -स्वास्थ्य -रोजगार के मुद्दे पर काम करें बिना जाति- धर्म के आधार पर सबका विकास और सबका साथ लेकर काम करने की इच्छा रखता हो। इस बार जो भी उम्मीदवार उन तक पहुंच रहा है तो वह उसे अपने मुद्दे जरूर बता रहे है। फिलहाल क्षेत्र में निवर्तमान सांसद ने कोई बड़ा काम नहीं कराया है।

 

 

योगेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस सरकार में उनके क्षेत्र में कई काम हुए है। वह सरकार और अपने सांसद के काम से खुश है। फिर भी चाहते है कि क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के साथ युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराये जाये।

 

 

युवा रोहित बाबू कहते है कि क्षेत्र में पूर्व में रहे सांसदों ने शिक्षा  -स्वास्थ्य -रोजगार के मुद्दे पर कोई काम नहीं किया है। यहां केवल  नेताओं द्वारा वादे किये गए है। क्षेत्र में एक फैक्ट्री है वहां भी स्थानियों को रोजगार नहीं है। उच्च शिक्षा के लिए भी बरेली और  बदायूं जाना पड़ता है। अगर किसी को कोई बड़ी बीमारी या ज्यादा तबियत ख़राब हो जाये तो उसे शहर के अस्पताल में अच्छे इलाज के ले जाना पड़ता है। वह अपना वोट उसे ही देना चाहएंगे जो क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज , दो चार बड़ी फैक्ट्री लाने के साथ आंवला को जिला बनाने का काम करें।

newsvoxindia
Author: newsvoxindia

Leave a Comment

error: Content is protected !!