भीम मनोहर ,
बरेली | कहानी आज से 15 साल पहले शुरू होती है जब पंजाब के शहर मोहाली की रहने वाली नेहा की मुलाकात दीपक से होती है | दीपक और नेहा बरेली में रहकर मेडिकल की फील्ड में भविष्य आजमा रहे है | लेकिन दोनों को काफी प्रयास के बाद उस मुकाम तक नहीं पहुंच पा रहे है जिसे वह पाना चाहते है | अचानक दीपक और नेहा की मुलाकात डॉक्टर की दुकान पर उस समय मुलाकात हो जाती है जब वह अपने अपने कंपनी के प्रोडक्ट बेचने के लिए डॉक्टर के पास पहुंचते है | यह मुलाकात पहले तो एक कप चाय से शुरू होती है बाद में यह मुलाकात लाइफ एक हिस्सा बन जाती है | दोनों चाय की दुकान पर मिलते है लेकिन इन्ही मुलाकात में दीपक नेहा को अपना दिल दे बैठता है और नेहा के साथ अपनी नई जिंदगी बिताने के सपने देखने लगता है |

दीपक – नेहा से मिलने के अक्सर बहाने ढूंढने लगता है | इसी बीच नेहा भी यह समझ जाती है की दीपक उसे अपनी लाइफ का हिस्सा बनाना चाहता है | दीपक नेहा को अपना पार्टनर बनने का ऑफर देता है और कहता है कि वह उसे अपनी लाइफ में देखना चाहता है | लेकिन नेहा यह कहकर दीपक को टालने की कोशिश करती है कि वह अलग अलग समाज और जाति से है ऐसे में उसके घर वाले इस शादी को इजादत नहीं देंगे | कुछ समय नेहा दीपक की दीवानगी देखकर उसके रिश्ते की बात को स्वीकार कर लेती है और किसी मंदिर में जाकर दोनों शादी के बंधन में बंध जाते है | दोनों बड़े प्यार से अपनी जिंदगी बिता ही रहे होते है कि दोनों के जीवन में एक भूकंप जाता है जब यह पता चलता है कि दीपक पहले से शादीशुदा है और उसकी पत्नी शहर के एक दूसरे हिस्से में दीपक की माँ की साथ रहती है और दीपक भी उससे काम की बात कहकर अपने घर चला जाता है |
हालाँकि नेहा दीपक से शादी करने के फैसले पर अपने को ठगा महसूस करती है लेकिन उसके पास अब नहीं तो मायके जाने का कोई ऑप्शन बचता है और ना किसी और शादी करके अपना जीवन बिताने का | नेहा दीपक से हुई शादी को विधाता की मर्जी मान लेती है और दीपक के साथ रहकर अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाने लगती है | इसी बीच दीपक का नेहा के प्रति कुछ व्यवहार भी बदलने लगता है | नेहा पर उसके फील्ड में काम पर जाने पर शक करने लगता है और कभी कभी इन मामलों को लेकर उसके साथ मारने पीटने लगता है | फिर भी जिंदगी बढ़ती रहती है बुरे और अच्छे अनुभवों के साथ |इसके बावजूद दीपक के परिवार वाले नेहा को स्वीकार नहीं करते है और नेहा किराये के मकान पर रहकर दीपक के साथ अपनी जिंदगी को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर होती है |
बढ़ती हुई महंगाई दोनों के जीवन को प्रभावित होती है नेहा अपना ब्यूटी पालर्र का काम शुरू कर देती है | दीपक को इस बीच समाज में आ जाता है कि उसके जीवन में अब दो पत्नियों का कंसेप्ट नहीं चल पायेगा | वह अपने परिवार के विरोध के बीच पहली पत्नी से तलाक लेने की कोशिश करता है जब उसे कुछ सूझता नहीं है तो वह क़ानूनी दावपेंज के बीच पहली पत्नी अनीता को उसके मायके छोड़कर चला जाता है उधर अनीता भी यह नहीं चाहती है कि उसके हक पर कोई बाहर वाली डाका डाल दे , अब दीपक केवल नेहा के साथ रहना चाहता है , दीपक का काम धंधा उसकी बढ़ती हुई मुसीबतों की तरह कम होता जा रहा था |
अंत में दीपक को उसकी एमआर की नौकरी से हाथ धोना पड़ता है नेहा पर और जिम्मेदारी बड़ जाती है | नेहा के घर एक नए मेहमान दस्तक देने वाला होता है | नेहा अपने पति दीपक का भरपूर साथ देती है वह मार्कटिंग कंपनी के साथ जुड़ने के साथ अपने ब्यूटी पालर्र के काम से अपनी ग्रहस्ती को सही करने का प्रयास करती और विकास को भी इसी काम में लगा लेती है | दीपक और नेहा का काम बढ़ता है और सोसाइटी में उसका रुतबा भी | एक तरफ नेहा अपने पालर्र से लाखों रूपए का काम शुरू होना शुरू होता है तो वही मार्केटिंग कंपनी में दोनों को काफी फायदा होता है | अब उनके पास अपनी छत होती है और एक सुन्दर सा प्यारा बेटा भी होता है | घर में खुशियों का माहौल होता है और जिंदगी धीरे धीरे आगे बढ़ती है |
इस तरह नेहा और दीपक के जीवन के करीब 16 साल बीत जाते है पर किसी कारणवश पहली पत्नी से ना तो उसका तलाक हो पाता है और ना ही दीपक के परिवार वाले नेहा को स्वीकार कर पाते है | एक दिन नेहा की तबियत खराब होती है और दीपक उसे हॉस्पिटल लेकर भागता है इसी दौरान एक दिन हॉस्पिटल में रहकर नेहा की मौत हो जाती है | नेहा की मौत के बाद नेहा का 12 साल का बेटा दुखी रहने लगता है वही दीपक भी नेहा को लेकर परेशान होने लगता है |
हां अब दीपक के जीवन में एक परिवर्तन जरूर होता है कि दीपक के परिवार वाले अब उसके साथ आ जाते है | घर में खाना बनाने का काम नेहा की मौत के बाद वह संभाल लेती है | कुछ माह तक सब शांति से चलता है अचानक दीपक नेहा की मौत के बाद घर का काम संभालने वाली लड़की को यह कहकर छुटकारा पा लेता है कि नेहा की मौत के बाद उसे घर में वह नहीं रख सकता , लोग उल्टी सीधी बात करते है | इसके बाद घर में काम करने वाली लड़की भी चली जाती है | अचानक एक दो माह बाद यह पता चलता है कि दीपक ने नेहा की मौत के बाद दूसरी शादी कर ली है |
जब लोगों को यह पता चलता है कि दीपक की दूसरी पत्नी कोई और नहीं वह पहली पत्नी है जिसे दीपक ने नेहा के लिए छोड़ दिया था | फिलहाल लोग इस घटना को जानकर यही कह कह रहे है कि नेहा के जीवन में दाम्पत्य सुख नहीं था ,जिसके नसीब में था उसे 18 साल बाद तमाम परेशानियों एक बाद नसीब हो गया | वर्त्तमान में यह परिवार बरेली की एक कॉलोनी में राजी खुशी से रह रहा है लेकिन लोग आज भी नेहा और दीपक की स्टोरी को याद कर रहे है |
नोट : यह सच्ची घटना पर आधारित कहानी है और इसके किरदारों की पहचान को भी छिपाया गया है |