बरेली : अयोध्या रामजन्म भूमि से जुड़े प्रख्यात संत महंत दिलीपदास जी महाराज त्यागी ने बरेली में नमामि गंगे योजना पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि वह इस मुद्दे पर बोलना नहीं चाहते , क्यूंकि वह एक संत है , बस इतना कहना चाहेंगे जिस स्तर पर काम होना चाहिए था उस स्तर पर काम हुआ नहीं। लोगों को जागरूक होना चाहिए। केवल योजनाओं को नाम देने से कुछ नहीं होगा। गंगा आज भी प्रदूषित है। गंगा आज भी निर्मल नहीं है। उनकी मांग है अन्य योजना की तरह गोमती माता के लिए भी योजना बनाई जाए। आदि गोमती माता केवल उत्तर प्रदेश का कल्याण कर रही है। यह पीलीभीत से निकलकर गाजीपुर में विलय हो जा रही है। उत्तर प्रदेश का जीवन आधार गोमती माता ही है। वह गोमती के पीलीभीत से जन जागरण यात्रा निकालने वाले है।
वही महंत दिलीपदास ने कश्मीर में हो रहे टारगेट किलिंग के सवाल पर कहा कि अब सरकार को फाइनल गेम खेलना चाहिए , सरकार को क़्वार्टर फाइनल सेमीफाइनल की जगह पर फाइनल मोड़ में आना चाहिए।अगर रामराज्य की स्थापना करना है तो स्वाभाव को चेंज करना पडेगा। जब तक रावण नहीं मरेगा तब तक रामराज्य की स्थापना नहीं हो सकती। थोड़ा सख्त होना पड़ेगा राजनीती से ऊपर उठना पड़ेगा।
दिलीपदास ने राममंदिर के निर्माण के एक सवाल पर कहा कि अमृत महोत्सव के साथ जिस पावन घड़ी की प्रतीक्षा कई वर्षों या फिर कहे 5 शताब्दी से हमारे पूर्वजों ने अपना बलिदान देकर राममंदिर बनने का सपना देखा था , की कब राममंदिर का निर्माण होगा। आज हमारे देश में अमृत महोत्सव बनाने की यही वजह है कि आजादी की 75 वीं वर्षगांठ दूसरा तरफ भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है। यह केवल अध्यात्म का मंदिर नहीं बल्कि राष्ट्र मंदिर है , इसे वह राममंदिर नहीं बल्कि राष्ट्र मंदिर मानते है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर ऐसा शब्द है को जाति धर्म सबसे ऊपर है जो सबका मंगल करता है। भारत में अब राम राज्य की शुरुआत हो चुकी है। अब भारत का विश्व गुरु बनने से कोई ताकत रोक नहीं सकती है। उनका मकसद है कि पूरे देश में भगवान राम की मर्यादाएं, संस्कार एवं चरित्र स्थापित हो ताकि पूरा देश का माहौल राममय हो जाए। जिसके लिए वह जन जागरण चला रहे है।