11 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने के दिए आदेश , केस में 12 लोगो की हो चुकी सुनवाई ,
बरेली : जिले में मार्च 2010 में हुए दंगों के मामले में कोर्ट ने आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को मुख्य आरोपी माना है। दंगे में कोहड़ापीर पुलिस चौकी के साथ आसपास की दुकानों को आग के हवाले कर दिया था। कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को 11 मार्च को कोर्ट में हाजिर होने के लिए तलब किया है। बताया जाता है कि मार्च 2010 में बरेली में दंगा भड़काने वाले मौलाना तौकीर का नाम पर्याप्त साक्ष्य होने के बावजूद चार्जशीट में शामिल नहीं किया गया था ।
मुकदमे की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी कि तत्कालीन एसएसपी, डीआईजी, आईजी, कमिश्नर और डीएम ने विधिक रूप से कार्य न करके सत्ता के इशारे पर कार्य किया। अधिकारियों ने 2010 के दंगे के आरोपी और मुख्य मास्टर माइंड मौलाना तौकीर रजा खां का सहयोग किया। कोर्ट ने इसको आधार मानते हुए मौलाना तौकीर को समन जारी कर 11 मार्च को तलब किया है। बरेली में उस वक्त 27 दिन तक कर्फ्यू रहा था। इस केस में 12 की गवाही पूरी हो चुकी है। विवेचक इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र यादव ने 5 मार्च को कोर्ट में बयान भी दर्ज भी कराए है । जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी, राजू, दानिश, रिजवान, हसन, सौबी रजा, यासीन की हाजिरी माफी स्वीकार कर ली गई है।
हाजिर न होने पर आबू, आरिफ, अमजद, निसार, अबरार, राजू उर्फ राजकुमार,कौसर के लिए प्रेमनगर पुलिस को आदेश दिया है कि इन्हें अरेस्ट कर न्यायालय में पेश किया जाए।जिला शासकीय अधिवक्ता सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर की न्यायालय में यह मामला विचाराधीन है। इसमें आज पीठासीन अधिकारी महोदय ने संज्ञान लेते इस दंगे के मामले में पत्रावली का अध्ययन करते हुए तौकीर रज़ा को 11 मार्च कोर्ट में तलब किया है। और घटना का मुख्य आरोपी भी माना है।जिला शासकीय अधिवक्ता सुनीति कुमार घटना करते हुए बताया कि थाना प्रेमनगर में एक मुकदमा दर्ज हुआ था जिसमें जुलुस को निकलने को लेकर विवाद हुआ था , बाद में आईएमसी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विवादित भाषण दिया और शहर में दंगा भड़क गया था। आईएमसी के प्रवक्ता मुनीर इदरीसी ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी मीडिया से हुई है फिलहाल अभी तक कोर्ट का कोई सम्मन नहीं मिला है।