लोकसभा चुनाव से पहले आरएसएस प्रमुख का मास्टर स्ट्रोक ,
बरेली /लखनऊ : लखनऊ में (RSS) मोहन भागवत के द्वारा विभिन्न धर्मो पर दिए गए बयान को बरेली की दरगाह आलाहजरत से ताल्लुक रखने वाले एवं आल इंडिया जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने मोहन भागवत की लखनऊ बैठक का जिक्र करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS)के सर संचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagvat) ने संघ के कार्यकर्ता से विभिन्न धर्मों के मानने वालों के साथ ही मुसलमानों से भी बातचीत करने और संपर्क बनाये जाने की वकालत की है। वह संघ प्रमुख के इस बयान का स्वागत करते है , इससे हिन्द व मुस्लिम के तनावपूर्ण माहौल को शांत करने में मदद मिलेगी और देश में जगह – जगह नेताओं द्वारा दिये जा रहे नफरती भाषणों पर लगाम लगेगी |
मौलाना (maulna shahbuddin) ने यह भी कहा कि देश में सबसे बड़ा संगठन आर एस एस है इस हकीकत से कोई इंकार नहीं कर सकता अगर संघ के कार्यकर्ता अपने प्रमुख की बातों को मानकर जमीनी स्तर पर अच्छा वातावरण बनाने में लग जाए तो हिन्दू और मुसलमानों के दरमियान एक अच्छा और खुशगवार माहौल स्थापित हो सकता है, पूरे भारत से नफ़रत का खात्मा होगा और मोहब्बत की खुशबू हर शहर और हर गांव से महकने लगोगी।मौलाना ने आगे यह भी कहा कि देश और समाज की तरक्की और भलाई के लिए बहुत जरूरी है कि संवाद की शुरुआत की जाए। उन्होंने हमेशा सरकार और मुसलमानो के दरमियान डायलॉग की वकालत की है, और उलमा द्वारा जारी मुस्लिम एजेंडे में भी सरकार व लीडरान और मुसलमानों के दरमियान बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है।
जाने मोहन भागवत ने लखनऊ में बैठक में किस बात पर जोर दिया
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक सद्भाव के (Lucknow) तहत अब गैर हिंदुओं के साथ अपना संपर्क व समन्वय बढ़ाएगा , जिसके तहत आरएसएस सिख, मुस्लिम, ईसाई , बौद्ध और पारसी समेत अन्य धर्म के लोगों के साथ समन्वय बढ़ाए जाने के लिए जोर देगा। जहां एक तरफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक समरसता के तहत दलित और मलिन बस्तियों के बीच पैठ बढ़ाए जाने के संबंध में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रहा है , इसी बीच अब ईसाइयों और मुसलमानों को संघ के साथ जोड़े जाने का भी बड़ा फैसला अवध प्रांत व उनके साथ विभागों की टोलियां के साथ बैठक में सर संघचालक मोहन राव भागवत ने लिया है ।