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हरिद्वार : देशभर में कल से शारदीय नवरात्र पर्व की शुरुआत हो चुकी है । आज नवरात्र का तीसरा दिन है। धर्मनगरी हरिद्वार स्थित सिद्धपीठ माया देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। मान्यता है कि 52 शक्तिपीठों में से पहले शक्तिपीठ माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।हरिद्वार के श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के प्रांगण में माया देवी मंदिर स्थित है। मंदिर स्थापना के पीछे एक पौराणिक गाथा है। अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरी बताते है कि प्राचीन समय में जब राजा दक्ष के द्वारा कराए यज्ञ के दौरान माता सती ने अपने प्राण त्याग दिए थे, तब भगवान शिव ने उनके पार्थिव शरीर को यही लाकर रखा था।
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भगवान विष्णु द्वारा जब माता सती के 52 टुकड़े किए गए तब 52 शक्तिपीठों की स्थापना हुई थी। सबसे पहले माता की नाभी इसी स्थान पर गिरी और यहां देश का पहला शक्तिपीठ स्थापित हुआ है।प्राचीन काल से नागा सन्यासी माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करते चले आ रहे हैं। मान्यता है कि माया देवी मंदिर में मांगी गई सभी मुराद पूरी होती है। यही कारण है कि साल भर यहां दूर दूर से आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है। नवरात्र पर्व के दौरान तो मंदिर की छठा अलग ही देखने को मिल रही है।धर्म नगरी हरिद्वार में मनसा देवी और चंडी मंदिर के बीच सिद्धपीठ माया देवी मंदिर स्थित है। वैसे तो सालभर बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में माया के दर्शन के लिए आते है लेकिन नवरात्र पर्व के दौरान यहां की गई पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती है।