News Vox India
धर्मनेशनलयूपी टॉप न्यूज़शहर

गणेश चतुर्थी स्पेशल :त्रियोग की त्रिवेणी में बिराजेगे गजानन,

 

बरेली।कृष्ण जन्म महोत्सव के बाद भादो के महीने के शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि से दस दिवसीय भगवान गणेश का महोत्सव प्रारंभ हो जाता है। यह पर्व अनंत चतुर्दशी तक चलता है। यानी इस बार 31 अगस्त से प्रारंभ होकर 9 सितंबर तक गणेश महोत्सव की धूम रहेगी। अंतिम दिन 9 सितंबर चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की विधिवत पूजा के बाद उनका वि​सर्जन बड़ी धूमधाम से किया जाता है। सबसे खास बात तो यह है कि इस बार गणेश स्थापना के दिन तीन मंगलकारी योगों की त्रिवेणी में भगवान गणेश विराजित होंगे। ऐसे में उनकी पूजा-अर्चना का महत्व अत्यधिक बढ़ जाएगा।

Advertisement
पंडित मुकेश मिश्रा

 

यह रहेगी तीन मंगलकारी योगों की त्रिवेणी
पंचांग के अनुसार इस वर्ष गणेश चतुर्थी के अवसर पर तीन मंगलकारी योगों का निर्माण होगा इस वर्ष की गणेश चतुर्थी तिथि रवि योग में है। वहीं इसी दिन दो शुभ योग ब्रह्म योग और शुक्ल योग भी बन रहे हैं। पंचांग के मुताबिक, 31 अगस्त दिन बुधवार को प्रात:काल 05:58 बजे से लेकर देर रात 12:12 बजे तक रवि योग है। जबकि प्रात:काल से लेकर रात 10:48 बजे तक शुक्ल योग और शुक्ल योग के समाप्त होने के तुरंत बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा। ये तीनों ही योग पूजा पाठ की दृष्टि से बेहद शुभ माने गए हैं।
धार्मिक मान्यता है कि रवि योग अमंगल को दूर कर सफलता प्रदान करता है. इस योग में सूर्य की स्थिति बेहद प्रबल मानी जाती है. ऐसे में गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की विधिवत पूजा करने से सभी अमंगल दूर होंगे। यश, वैभव धन संपदा और संपन्नता आदि की प्राप्ति होगी और भगवान गणेश का विशेष आशीर्वाद भक्तों पर बरसेगा।

 

गणेश चतुर्थी पर इस विधि से करें पूजा
गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः काल स्नान करने के पश्चात पूजा वाले स्थान पर जहां गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करनी है, उत्तर की तरफ मुख करके आसना पर बैठ जाएं। अब आप गणेश यंत्र की स्थापना करें। इसके बाद उन्हें विधि पूर्वक पूजा की सामग्री अर्पित करते हुए ‘ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें। साथ ही भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाएं। पूजा के अंत में गणेश जी की आरती करें। मान्यता है कि जो भक्त गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की सच्चे मन से आराधना करता है उस पर भगवान गणेश की विशेष कृपा बरसती है और उसके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है।

स्थापना पूजन के शुभ चौघड़िया मुहूर्त

लाभ, अमृत का चौघड़िया प्रातः 5:46 से 8:56 तक

शुभ का चौघड़िया प्रातः 10:31 से मध्यान्ह 12:06 तक
चर, लाभ का चौघड़िया मध्यान्ह 3:17 से शाम 6:27 तक

Related posts

जीआरएम  स्कूल में मनाई गई हीरक जयंती ,स्कूली बच्चों ने पेश की एक से बढ़कर कार्यक्रम ,

newsvoxindia

प्राचीन सिद्ध ब्रह्मदेव मंदिर के मुख्य द्वार पर लगवाया स्टील गेट

newsvoxindia

जानिए क्यों है सनातन धर्म में कंठी तिलक का महत्व

cradmin

Leave a Comment