मुज्जसिम खान
रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और नगर विधायक आजम खान और पांच अज्ञात के विरुद्ध नगर कोतवाली में गवाही न दिए जाने के लिए गवाह पर दबाव बनाने को धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई है।भारतीय दंड संहिता की धारा 147,195-A,506 और 120B के तहत एफआईआर दर्ज हुई है।रिपोर्ट दर्ज कराने वाला नन्हे नमक व्यक्ति ने 2019 में भी आजम खान के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला यतीम खाना वक्फ से संबंधित था जिसमें समाजवादी पार्टी की सरकार के समय यतीम खाना वक्फ की भूमि को खाली कराने के लिए मकानों को तोड़ने के साथ जबरन कब्जा खाली कराया गया था।
इस मामले में जब प्रदेश में सत्ता पलट हुई और भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो 2019 में तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खान सहित आजम खान के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफ आई आर दर्ज की गई थी जिसमें मकान तोड़े जाने से लेकर लूटपाट जान से मारने की धमकी और आपराधिक षड्यंत्र जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थी। उसी मामले में आज स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट में गवाही होना थी।अदालत का समय होने से पहले ही गवाह ने कोतवाली नगर पहुंचकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि सवेरे 9:30 बजे पांच अज्ञात लोग उसके घर आए और कहा आज तुम्हारी आजम खान के मामले में गवाही होनी है, हमें आजम खान जो पूर्व मंत्री हैं उन्होंने भेजा है, आप मुकदमे में उनके खिलाफ गवाही नहीं देनी है। अगर सही बात कही तो तुम्हारा हाल बुरा होगा। मैं डरा हुआ हूं थाने आया हूं मेरी रिपोर्ट दर्ज कर मेरी गवाही कराई जाए।
आजम खान पर प्रदेश में नई सरकार आने पर 90 मुकदमे दर्ज हुए। बाद में आजम खान 27 माह बाद सीतापुर जेल से कुछ दिन पहले ही रिहा हुए हैं। आजम खान को सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है लेकिन उनकी जमानतें ज्यों ज्यों अदालत से मंजूर होती थी कोई ना कोई नया मुकदमा या एफआईआर उनके विरुद्ध दर्ज हो जाती थी जिसके चलते उन्हें जेल से बाहर निकलना संभव नहीं हो रहा था। उन्हे जेल से बाहर आने में 27 माह लग गए उनकी रिहाई भी सुप्रीम कोर्ट के एक विशेष जमानती आदेश के तहत हुई जिसमें अदालत ने एक के बाद एक हो रहे मुकदमों पर नाराजगी जताई थी। तब से ही आजम खां पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था लेकिन आज यह एफआईआर दर्ज होने के बाद लगता है आजम खान पर कार्रवाई का सिलसिला फिर शुरू हो चुका है।