बरेली के फतेहगंज में मादक पदार्थो की तस्करी करने वाले तस्करों की तलाश में उत्तराखंड पुलिस ने सोमवार देररात छापेमारी की है। इस दौरान उत्तराखण्ड पुलिस लाव लश्कर के साथ फतेहगंज पश्चिमी गांव के अग्ररास पहुंची और 16 लोगों को अपनी हिरासत में लिया।इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
माना जा रहा है कि इस वीडियो को उत्तराखण्ड़ पुलिस ने खुद वायरल किया है। जो तस्करों की तलाश में लाव लश्कर के साथ फतेहगंज पश्चिमी के गांव अगरास गांव पहुँची है। जहां पुलिस ने तस्कर होने के शक में 16 लोगों को फिल्मी स्टाइल में अपने गिरफ्त में लिया । कहा यह भी जा रहा है पुलिस ने जिन लोगों को हिरासत में लिया था उनका रिकॉर्ड बेदाग था इसलिए पुलिस ने उन्हें थाने से ही छोड़ दिया। हालांकि बरेली पुलिस के कप्तान अनुराग आर्य इस बात की पुष्टि कर रहे है कि बरेली पुलिस को उत्तराखंड पुलिस के आने की सूचना नहीं थी।
एसएसपी ने अपने मीडिया सेल से जानकारी देते हुए कहा है कि चौकी प्रभारी फतेहगंज पश्चिमी द्वारा सूचित किया गया कि कल रात्रि में (रविवार रात ) जब वह पर गश्त पर थे तो उनके द्वारा देखा गया कि जनपद उधमसिहंनगर की पुलिस वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कस्बे में पहुंची है, इसकी जानकारी स्थानीय थाना या किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नहीं दी गयी थी ।
चौकी प्रभारी गश्त में रहने के दौरान जानकारी होने के बाद इस टीम के साथ-साथ रहे और उनके द्वारा टीम को पूर्ण सहयोग दिया गया। इस कार्यवाही के दौरान जनपद उधमसिहंनगर पुलिस के द्वारा कुल 16 व्यक्तियों को हिरासत में लेकर प्रस्थान किया गया और वहाँ पर जो मकान और रिहायशी एरिया है, उसकी तलाशी भी ली गयी । इस पूरी कार्यवाही में किसी व्यक्ति, मकान या किसी परिसर से किसी अवैध मादक पदार्थ की कोई बरामदगी नहीं हुई है, जो 16 व्यक्ति हिरासत में लिये गये थे, उनमें से 15 लोगों को पूछताछ के बाद उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया ।
और एक व्यक्ति को गिरफ्तार करते हुए जेल भेजा गया है। जनपद उधमसिंहनगर पुलिस द्वारा परिजनों के सुपुर्द किये गये शेष 15 लोगों के आपराधिक इतिहास के बारे में स्थानीय स्तर पर बरेली पुलिस द्वारा जानकारी की गयी तो उनमें से 14 के विरुद्ध कोई अभियोग पंजीकृत होना नहीं पाया गया है और एक व्यक्ति के विरुद्ध ही मारपीट की एक एफआईआर पंजीकृत होना पाया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,उधमसिंह नगर( उत्तराखण्ड) . के अनुसार जनपद बरेली के दो स्थानों पर दबिश की कार्यवाही में 25 व्यक्तियों को हिरासत में लेने की बात कही गयी है, जनपद उधमसिंहनगर के थानाध्यक्ष पुलभट्टा से जनपद बरेली स्तर से करायी गयी जानकारी में उनके द्वारा बताया गया है कि जनपद बरेली से 16 व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से आशिफ पुत्र हरीश अहमद निवासी ग्राम अगरास थाना फतेहगंज पश्चिमी जनपद बरेली, मु0अ0सं0-39/2025 थाना पुलभट्टा में वांछित था, जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है तथा शेष 15 व्यक्तियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
बरेली पुलिस द्वारा के द्वारा विगत वर्षों से अवैध मादक पदार्थों के कारोबार से जुड़े हुए अपराधियों के विरुद्ध लगातार कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती रही है। इस दौरान पिछले 05 वर्षों में एनडीपीएस एक्ट के कुल 1357 अभियोग पंजीकृत कर लगभग 1500 अपराधी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं। इसमें से सर्वाधिक थाना फतेहगंज पश्चिमी में 176 अभियोग पंजीकृत कर लगभग 200 अपराधियों को जेल भेजा गया है।
ऐसे अपराधी जो गैंग बनाकर इस कारोबार को संचालित कर रहे थे, उनकी लगभग 116 करोड़ की चल व अचल सम्पत्ति जनपद बरेली पुलिस के द्वारा धारा 14(1) गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत जब्त करायी गयी है, जो मकान और रिहायशी बिल्डिंग अवैध रूप से इनके द्वारा बनायी गयी थी, उनके ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी जनपद पुलिस द्वारा की गयी है। चार ऐसे ड्रग माफियाओं को पिट एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत निरुद्ध कराया जा चुका है।
इस वर्ष भी 01 जनवरी से लेकर अब तक 69 दिनों में एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत 51 अभियोग दर्ज करते हुए 103 अपराधी जेल भेजे जा चुके हैं। बरेली पुलिस अवैध मादक पदार्थों के साथ-साथ समस्त प्रकार के अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के लिए कटिबद्ध है। *विगत 08 माह में 72 अपराधी पुलिस मुठभेड़ में घायल होकर जेल में निरुद्ध हो चुके हैं। इसके साथ-साथ जनपद में अगर किसी अन्य राज्य या जनपद की पुलिस को किसी अपराधी को पकड़ने या तलाशी लेने के लिए किसी भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होती है तो ऐसी कार्यवाही सम्बन्धित पुलिस के साथ संयुक्त रूप से पूर्ण समर्पण एवं सफलता के साथ सम्पादित की जाती रही है।
भविष्य में भी बरेली पुलिस अवैध मादक पदार्थ का कारोबार करने वाले अपराधियों के विरुद्ध कठोरतम विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करती रहेगी एवं इस अवैध कारोबार को समाप्त करने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध व कटिबद्ध है।
उत्तराखंड पुलिस की यूपी में धमक इस बात की ओर इशारा कर रही है कि यूपी पुलिस पर उत्तराखंड पुलिस को विश्वास नहीं है वरना एक सूचना पर इस काम को यहां की स्थानीय पुलिस भी अंजाम दे सकती थी।