बरेली। बरेली शहर में नॉवल्टी चौराहा पुराने समय से प्रसिद्ध है। इस चौराहे पर छोटी हो या बड़ी दुकानें सब अपने आप में खास है। ऐसी ही एक दुकान है वर्तमान में नाजिम चाय वाले की। पूर्व में इस दुकान को पिल्लू भाई की चाय के दुकान से जाना जाता था।इस दुकान की खासियत यह है कि दुकान मोहब्बत वाली चाय की दुकान से प्रसिद्ध है। दूसरी वजह यह भी कि यहां शहर के सभी समाज के लोग चाय पीने के लिए आते है। वही तीसरी बात यह दुकान यूपी की राजनीति लिहाज से महत्वपूर्ण है इसकी वजह यह है कि एक ज़माने में राजनीति से जुड़े दिग्गज इसी दुकान पर चाय पीने आते थे और चाय पीने वालों की बात से उनका रुख पहचान लिया करते थे और राजनीति में उन बातों को मुद्दों के तौर पर प्रयोग किया करते थे।
इस दुकान के बारे में पुराने लोग यह भी बताते है कि आजादी के बाद यह दुकान अस्तित्व में आ गई थी। शुरुआत में नाजिम के दादा मोहम्मद अब्बास उर्फ पिल्लू दुकान को चलाया करते थे इसके बाद में नाजिम के पिता फैय्याज ने यह दुकान चलाई ,इसके बाद फैय्याज के बेटे नाजिम रज़ा अब इस चाय की दुकान को चला रहे है।नाजिम चाय वाले की दुकान शहर की उन दुकानों में शामिल है जहां शहर के पत्रकार अपने काम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा चाय की चुस्कियों के बीच करते है। इसी दुकान से कई टीवी चैनल चाय पर चर्चा करके बरेली के लोगो के नब्ज पर हाथ रखने का काम भी कर चुके है।
हालांकि यह दुकान मूक बधिर बच्चों के लिहाज बेहतर स्थान है। दरअसल यह चाय की दुकान सरकारी सांकेतिक स्कूल से सटी हुई भी है। इस वजह से मूक बधिर छात्र छात्राएं भी इस दुकान में चाय पीने चले आते ऐसे में एक समस्या होती है कि किस तरह स्पेशल ग्राहक को हैंडल किया जाए , तो इस काम में नाजिम बेहतर एक्सपर्ट है। वह मूक बधिर बच्चों को उनकी भाषा में ही डील करते है। इस दुकान दोनों पक्षों में कमाल की ट्यूनिंग देखने को मिलती है। शायद यही वजह है लोग राजनीति , मोहब्बत के नजरिये से इस चाय की दुकान को बढ़िया मानते है। यह दुकान जानवरों के लिहाज से बेहतर है इस दुकान में आपको ग्राहकों के बीच बिल्लियों की चहल पहल देखने को मिल जाती है , यहां कभी यह भी नजारा देखने को मिलता है बिल्ली ग्राहक के गोद में होती है और ग्राहक चाय की चुस्कियों के बीच ना चाहते हुए भी पशु प्रेमी हो जाता है।
चाय के दुकान के मालिक मोहम्मद अब्बास उर्फ पिल्लू ने बताया कि 1970 के आसपास उन्होंने अपने चाय की दुकान शुरू की थी। उस दौर में उनके दुकान पर चाय पीने वालों में भाजपा नेता संतोष गंगवार , पीलीभीत के एमपी चंद्र मोहन , पूर्व मंत्री भानु प्रताप सिंह , पूर्व भोजीपुरा विधायक नरेंद्र पाल सिंह गंगवार , दुर्गा प्रसाद चेयरमैन, वीर बहादुर चेयरमैन, बेगम आवदा के कुछ परिजन ,दीना नाथ पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष, वरिष्ठ सपा नेता वीरपाल यादव, वसीम बरेलवी , सतीश अग्रवाल , संविधान सभा के सदस्य के सहित तमाम नेताओं का आना जाना रहता था। उन्हें बेहद खुशी है 1970 से लगातार उनका चाय की दुकान चल रही है। उनके पोते ने भी प्यार मोहब्बत की परंपरा को बनाकर हुआ है।
नाजिम के एक ग्राहक सैय्यद आकिब मियां ने पुराने दौर को याद करते हुए बताया कि 1969 के बाद से आजतक वह पिल्लू भाई के दुकान पर आ रहे है। उस दौर में भी यहां वीआईपी के लोगो का आना जाना रहता था। यहां शहर के कई नवाब परिवार के लोगो का भी आना जाना रहता था। हालांकि इस दुकान के आसपास भी दो चार चाय की दुकानें हुआ करती थी लेकिन पिल्लू भाई की चाय ज्यादा फेमस थी। उस समय इस होटल से कुछ दूरी पर एक पेट्रोल पंप के साथ पम्मी भाई की भी चाय की दुकान होती थी। लोग यहां तक कहते है कि यूनिवर्सिटी बनाने के आंदोलन की नीवं सीबीगंज थानां क्षेत्र के बूंदन खां ने यही सोची थी उसके बाद क्षेत्र में यूनिवर्सिटी के बनाने के लिए छात्रों ने आंदोलन की अगुवाई की थी।