यूपी के बरेली में एक बहू ने अपनी होने वाली सास को निकाय चुनाव जिताने के उनके आफिस और प्रचार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली थी। आज जैसे ही मतदान समाप्त हुआ उसके बाद इस बात का इंतजार शुरू हुआ कि रिजल्ट क्या होगा ।दरसल शहर के एक वार्ड की होने वाली बहू ने अपनी सास को पार्षद बनाने के लिए जी जान लगा दी । बहू ने चुनाव के दौरान कार्यालय में ना आकर केवल चुनाव देखा बल्कि कार्यकर्ताओं से सामंजस्य बनाकर चुनाव जीतने की प्लानिंग भी की।
पार्षद प्रत्याशी ने बताया कि वह शहर के एक वार्ड से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ी है। उनके पति ने भी अपनी क्षेत्र की जनता के लिए तमाम विकास के कार्य कराए है। वही पार्षद प्रत्याशी ने यह भी बताया कि जब से उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला किया है तब से उनकी होने वाली बहू ने उनके लिए जी जान से लगी है। उनकी बहू ने उनके प्रचार के साथ तमाम तरह के कामों में हाथ बंटाया है। उन्हें यह भी लगता है कि अगर वह विजयी होती है तो उसका सबसे ज्यादा क्रेडिट उनकी बहू और बेटे के साथ पति का होगा। पार्षद प्रत्याशी सास ने यह भी बताया कि वह एक शिक्षिका है। उन्होंने बरेली कॉलेज से बीएससी के साथ एमए सोशियोलॉजी है। उन्होंने समाज सेवा के गुण अपने पति पार्षद पति से सीखें है।

निवर्तमान मेयर उमेश गौतम के पिता ,बेटे की जीत के लिए बने चाणक्य
भाजपा मेयर पद के प्रत्याशी उमेश गौतम के पिता के.के. गौतम अपने बेटे के लिए चाणक्य की भूमिका में थे । के.के. गौतम अपने बेटे उमेश गौतम के कार्यालय पर रहकर आने वाले मेहमानों से ना केवल मुलाकात करते है बल्कि आफिस आने वालों लोगों से क्षेत्र में क्या चल रहा है वह उसका फीडबैक भी लेते रहते है। उमेश गौतम के पिता केके गौतम ने बताया कि वह 78 वर्ष के है। वह पुलिस सेवा में थे । और वर्तमान में उमेश जी के चुनाव से संबंधित काम देख रहे थे ।हालांकि उन्हें देख कर नहीं लगता कि वह 78 वर्ष के है। उमेश गौतम के कार्यलय में पहुंचने लोग के.के गौतम की फिटनेस को देखकर दंग रह जाते है और अपना काम भूलकर उनसे बेहतर जीवन बिताने के लिए टिप्स लेना शुरू कर देते है। जानकार यह भी बताते है कि जब से चुनाव शुरू हुआ थ तबसे उमेश गौतम के पिता देररात तक उमेश के कार्यलय में बने रहते है। वह सबसे ज्यादा पत्रकारों से बातचीत करते हुए शहर में बनते बिगड़ते हुए चुनावी समीकरणों की जानकारी लेते दिखाई देते है।