News Vox India
नेशनलयूपी टॉप न्यूज़

Rampur News  :  मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने वाले बदनसीब , अमन बहाली के लिए मोहब्बत जरूरी: आजम खान 

मुजस्सिम खान ,
 उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में लोकसभा की सीट को लेकर उप चुनाव हो रहा है भाजपा और सपा आमने सामने दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के साथ ही उनके सरपरस्त नेता अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं इन सबके बीच सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान 27 महीने की जेल काटने के बाद एक जनसभा में लोगों से मुखातिब हुए आजम खान को सुनने के लिए लोग केले के मैदान में एकत्र हुए हालांकि यह बात अलग है आजम खान के अल्फाजों में जरूर धार थी लेकिन उनकी दमदार कहलाने वाली आवाज जरूर धीमी थी इन सबके बीच आजम खान ने जनता को संबोधित करते हुए अपना सियासी भाषण दिया पार्टी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे और कहीं ना कहीं भाजपा सरकार पर हमलावर भी नजर आए।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता 27 महीने की जेल काटने के बाद उपचुनाव के दौरान रामपुर के चलाए स्थित मैदान में आयोजित सपा प्रत्याशी के हक में हो रही जनसभा मैं जनता से रूबरू हुए इस दौरान जहां उनको सुनने वालों की कमी नहीं होगी वही उनके शब्दों में धार जरूर थी लेकिन पहले जैसी तल्खी की कमी थी आजम खान ने जहां सपा प्रत्याशी को अपने दिल का दुखड़ा   बताया तो पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने वालों को बदनसीब बताया वह यहीं पर नहीं रुके उन्होंने 27 महीने जेल में बिताने का भी जिक्र किया और बाबरी मस्जिद से लेकर हिंदू देवी देवताओं की इज्जत करने तक का जिक्र किया।
 आजम खान ने 27 महीने के बाद हुई जनसभा के दौरान कुछ इस तरह जनता पर को संबोधित किया …पार्लेमेंट की जीत के बाद शुक्रिया का जलसा करना नसीब नहीं हुआ और विधानसभा जेल से जीतने के बाद आप के दरमियान नहीं आ सका लेकिन आसिम राजा साहब की वजह से मैं यहां मौजूद हूं गुजरे दिन और गुजरे दिनों की यादें ना मैं सुना सकूंगा और ना आप सुन सकेंगे वह ख्वाब नहीं था वह हकीकत थी वह दर्द नहीं था वह जख्म था वह जख्म नहीं था वह नासूर था क्यों इसलिए की जम्हूरियत दम तोड़ गई हिंदुस्तान में रहने वाले करोड़ों लोग जो दस्तूर ए हिंद की पासदारी करते हैं सविधान से वफा करते हैं उससे मोहब्बत करते हैं और उसे बाकी देखना चाहते हैं उनके सामने एक मायूस हिंदुस्तान खड़ा था सैकड़ों और हजारों साल की तारीख जिसमे कमजोर दबे कुचले सिर्फ दबाए गए और कुचले गए एक लाठी वाले ने और बहुत मामूली कपड़ा तन पर पहनने वाले ने सैकड़ों साल की गुलामी हिंदुस्तान को आजादी में बदल दिया लेकिन हम ना उसकी हिफाजत कर सके ना उसके सायला की हिफाजत कर सकें हम अपनी आवाज से नारा तो देते रहे थे कि बाबू हम शर्मिंदा हैं तेरे खातिर जिंदा है लेकिन तैयारी नहीं की हमने समझौते हुए हम भी कर सकते थे आज भी कर सकते हैं।
 आजम खान चुनावी जनसभा के दौरान अपने जेल में गुजारे गए दिनों को कुछ इस तरह से याद करते नजर आए…. एक रात एक सदी के बराबर गुजारी है एक लम्हा एक जिंदगी के बराबर गुजारा है तुमसे जुदाई मौत से बदतर थी मौत बेहतर थी उस जिंदगी से जो शख्स तुम्हारे साथ जीता हो तुम्हारे साथ हंसता हो रोता हो मुस्कुराता हो गलियां ढूंढता हो तुम्हारे गांव ढूंढता हो तुम्हारे चेहरे की उदासी तलाश करता हो तुम्हारे आंसू पीता हो तुम्हारे दिल की धड़कनों को गिनता हो और चाहता हो वह सीना चीर कर अपना दिल तुम्हारे जिस्म के अंदर तस्लीम कर दे वह वहा बहुत अकेला था बहुत उदास बहुत मायूस था और उसे सब खबर थी तुम्हारी बर्बादी की।
 आजम खान ने अपने ऊपर दर्ज मुर्गी चोरी बकरी चोरी आदि के मुकदमों का….. कुछ इस तरह से जिक्र किया मैं भी कर सकता था जब मुझ पर पहला मुकदमा कायम हुआ था आप सब को सड़कों पर ला सकता था मैं जानता था कि मंसूबे क्या है लिहाजा में मुर्गी चोर बकरी चोर भैंस चोर किताब चोर फर्नीचर चोर और चोरी की दफा नहीं डकैती यों की दफाए लगाएं मेरा बेटा 2 साल से ज्यादा जेल काट कर आया 1 साल से ज्यादा मेरी बीवी जेल में रही आज भी अजहर खा जेल में है गुड्डू मकसूद चंद रोज पहले ही जेल से छूटे हैं वह भी शर्त के साथ किसके लिए किसी जायदाद के लिए किसी आना के लिए किसी फायदे के लिए हां एक गुनाह है वह अजीम गुना है उसकी सजा मिली है तुम्हारे हाथों और तुम्हारे बच्चों के हाथों कलम देनी की की है यही तो साजिश छुपी है और आज भी यही है कि तुम अच्छे बिस्तरी बनो जो टायर का पंचर जोड़ो तुम आलीशान इमारतें बनाओ खेत में मजदूरी करो रिक्शा चलाओ लेकिन तुम्हारा बेटा डॉक्टर इंजीनियर नहीं बन सके क्लर्क नहीं बन सके और यहां तक कि चपरासी भी नहीं बन सके इस साजिश का मुकाबला करने के लिए रामपुर के लोगों आप सब ने हमारे साथ एक अहद किया था और मैंने इसी मैदान से वादा किया था और लोग हंसते थे मेरी बातों पर कि आज नहीं तो कल वह दिन जरूर आएगा कि जब मैं रामपुर को हिंदुस्तान के और दुनिया के नक्शे पर ला दूंगा आज गवाह हो तालीम के ताल्लुक से भी और जो जुल जुल्म हुआ है उस जुल्म के ताल्लुक से भी रामपुर दुनिया के नक्शे पर है कि यहां के लोग मजलूम है बहुत जुल्म हुआ है।
सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने मौजूदा दौर में धर्म के नाम पर फैलाई जा रही नफरतों को अपने अल्फाजों में कुछ इस तरह बयान किया है…. कितनी बड़ी तहरीक चलाई बाबरी मस्जिद पर कन्वीनर था मैं लेकिन एक बयान उस जमाने का किसी हिंदू देवी देवता के खिलाफ बोला हो तो दिखा दो अगर हमारी जबान से तोहीन का एक लफ्ज़ कोई सुबूत के तौर पर पेश कर दो तो पूरे परिवार के साथ रामपुर छोड़ देंगे अपनी शक्ल कभी नहीं दिखाएंगे और ऐसा क्यों किया क्योंकि मेरा दीन कहता है मेरा अल्लाह कहता है मेरा कुरान मेरे नबी का हुकुम है कि खबरदार किसी दूसरे मजहब के पेशकार की तोहीन मत करो क्योंकि अगर वो पलटकर तुम्हारे पेशकारो की तोहीन करेंगे फिर क्या होगा याद करो कौन हो तुम नबी करीम सल्लल्लाहो अले हे वसल्लम पर पथराव हुआ तवाईफ की गलियों में छीन लिया आपको और आपके खून से भर गए आवाज आई हवाओं से के ए मोहम्मद कहो तो यहां से लेकर की बस्ती फना हो जाए और आवाज आई यह जमीन फट जाए और यह बस्ती इसमें दफन हो जाए और पहाड़ों से आवाज आई ए मोहम्मद हम आपस में मिल जाए और यह बस्ती नाइस्टो नपूत हो जाए उस वक्त क्या किया मेरे प्यारे नबी ने बद्दुआ दी इंतकाम लिया बदला लिया नहीं घुटनों पर बैठ गए और कहा अल्लाह के साथ एक रिश्ता जोड़ा उस वक्त और कहा ए अल्लाह इन्हें माफ कर दे यह नादान है यह नहीं जानते यह मासूम है इन्हें अकल दे आपने ऐसो को भी माफ किया और फिर तारीखे लिखी हैं कि जिस रफ्तार से रसूल के वफात के बाद पर्दा कर जाने के बाद मक्का और मदीना की गलियों में लोग रोते हुए घूमते थे और कहते थे कि आज खत्म हो गया इस्लाम दीन खत्म हो गया क्योंकि मोहब्बत चले गए लेकिन ऐसा नहीं हुआ आपके जाने के बाद तारीके लिखी हैं कि जिस रफ्तार से घोड़े दौड़ते थे उस रफ्तार से हक का पैगाम दौड़ने लगा मेरे प्यारे नबी के खिलाफ उनके तोहीन करने वालो के खिलाफ या उन अल्फाज को जो हुजूर की शान में गुस्ताखी की गई हैं |
उसको दोहराना भी गुनाह है उन अल्फ़ाज़ की वापसी अपनी जुबान से अदा करना गुनाह है क्या हमारा ईमान हट गया हमारा अकीदा अल्लाह से हट गया वह हिफाजत करेगा अपनी किताब की हिफाजत वह करेगा अपने नबी की आबरू की हिफाजत वह करेगा जो सातवें आसमान पर है कहीं पर भी जाने की जरूरत नहीं है तुम्हारा दुश्मन तुम्हारे इंतजार में बैठा है उसके मंसूबे में मत फस जाना उसकी साजिश का शिकार मत हो जाना मैं तमाम हिंदुस्तान के लोगों से अपील करता हूं अमन बहाली की मोहब्बत याद रखो आज मैं फिर दोहराता हूं कि कभी आग  से आग नहीं बुझाई जा सकती सैलाब को पानी से नहीं रोका जा सकता नफरत को नफरत से नहीं मिटाया जा सकता|  आग  को बुझाने के लिए पानी की जरूरत है और नफरत को मिटाने के लिए मोहब्बत की जरूरत हैं मोहब्बत का पैगाम दो तुम्हारे मोहब्बत के पैगाम से ना जाने ना जाने कितनी तब्दीलियां आई है दुनिया में और ना जाने कितने बदलाव आए हैं।
आजम खान ने अपने चुनावी भाषण में करोना का जिक्र करते हुए कुछ इस तरह कहा… कैसा भयानक कोरॉना हुआ था मुझे मेरे सामने तमाम वॉर्ड खाली हो गए मैं दूसरी मंजिल में मुस्तकिल किया गया वह सारे लोग मर गए मैं तीसरी मंजिल पर भेजा गया वहां भी सारे लोग मर गए मैं जिंदा बचा हूं तुम्हारे लिए मैं वापस लौट कर आया हूं तुम्हारे लिए हर हर सांस अमानत है मैं आज भी तुम्हारी मोहब्बतों का कर्जदार हूं मैंने कुछ नहीं किया मेरे सारे अरमान मेरी सारी ख्वाहिश मेरे सीने में दफन रह गए बहुत कुछ चाहता था बहुत कुछ आता हूं लेकिन मेरी सेहत की कमजोरी बहुत दिन नहीं रहेगी मुझे मारने का पूरा मंसूबा था हां मुझे कत्ल नहीं करना चाहते थे क्योंकि कत्ल का इल्जाम नहीं लेना चाहते थे लेकिन कोई कसर नहीं रही थी मुझे मारने में मुझे मेरे बच्चे को मेरी बीवी को सीतापुर जेल पूरे हिंदुस्तान में सुसाइडल जेल के नाम से जानी जाती है वहां लोग खुदकुशी बहुत करते हैं कहीं और भी भेज सकते थे लेकिन तीनों को सीतापुर भेजा कि जो इन तीनों में सबसे कमजोर होगा वह पहले अपनी जान देगा और जब वह जान देगा उसके लिए दूसरा जान देगा और जब दो जान दे चुके होंगे तो तीसरा जान देगा और तीन जनाजे सीतापुर जेल से बाहर निकलेंगे यह था मंसूबा।
वीओ-6: आजम खान ने पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्ला वाले वसल्लम की शान में गुस्ताखी के मुद्दे पर कुछ इस तरह कहा है कि…. हुजूर की शान में गुस्ताखी करने वाला बदनसीब है बहुत बदनसीब है उस बदनसीब का साथ मत दो और उसके जुमलो को दोहराव मत जो बदनसीब हैं उसको उसके नसीब पर छोर दो उसको उसके हाल पर छोड़ दो दुनिया का कोई तानाशाह नहीं बचा याद करती है तारीख उन लोगों को जब तक दुनिया रहेगी उस नाम से याद नहीं रखेगी कि जमीन पर अल्लाह ने एक ऐसा इंसान भी भेजा था जिसकी वुजू की एक बूंद भी जमीन पर नहीं गिरी थी एक ऐसा इंसान जो जमीन पर बनाया था उसे रसूल कहा उसे नबी का उसकी शान में कोई गुस्ताखी कर ही नहीं सकता उसकी शान तो इतनी बड़ी है की शान का लफ्ज़ बहुत छोटा है जिससे अल्लाह इश्क करता हो जिससे अल्लाह मोहब्बत करता हो फिर किसी की नफरत से किसी का कोई असर नहीं होगा।
आजम खान ने समाजवादी पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी को अपने दिल का टुकड़ा बताते हुए कुछ इस तरह कहा…. आसिम राजा मेरे दिल का टुकड़ा है और मेरा दिल चीर कर देखो गे तो आप उसमें सब हो उठाएगा कोई इतनी तकलीफ जितनी हम ने उठाई है हिंदुत्व टूट जाएगा कहीं तो समझौता करेगा बहुत रोए हैं बहुत रोए हैं आंखें खराब कर ली हैं लेकिन बस उस मालिक के आगे और बस यही दुआएं करते थे कि अल्लाह तेरे मुजरिम है सजा तू देगा लेकिन उन से सजा न दिलवा जिनके मुजरिम नहीं है बताओ मैरी बात मानोगे या नहीं मानोगे अगर मेरी एक तकलीफ दे रात का बदला लेना चाहते हो सिर्फ एक रात का 27 महीनों की सिर्फ एक रात की दुखों का बदला लेना चाहते हो तो 23 तारीख को कोई अपने घर में बैठना मत सूरज कितनी तपिश क्यों ना कर रहा हो मेरी कोई मां कोई बहन कोई बेटी अपने घरों में मत रहना आसिम राजा की फतेह हक की फतह मुझे शर्मिंदा मत कर देना मेरे मुंह पर कालक मत लगा देना मेरी जिंदगी को मुक्तसर मत कर देना कहीं ऐसा ना हो कि यह सदमा मेरे लिए ज्यादा गरम हो जाए इसलिए मैं आसिम राजा के लिए वोट मांगने के लिए हाथ फैलाने के लिए आया हूं।

Related posts

खबर कॉम्पैक्ट।। पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के कार्यालय पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य , डॉक्टर अरुण के कार्यालय पर रक्तदान शिविर का भी किया उद्घाटन,,

newsvoxindia

Exclusive : आजाद की नई पार्टी बनने से किसको होने जा रहा फायदा , जानिए घाटी में किसको हो सकता है सबसे ज्यादा नुकसान ,

newsvoxindia

उर्स-ए-रज़वी में उठने वाले मुद्दों का एजेंडा तय। दरगाह प्रमुख व सज्जादानशीन ने जारी किए अहम मुद्दे

newsvoxindia

Leave a Comment