गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस पर तीखे हमले के बाद पार्टी में नाराजगी और बढ़ गई है। गुलाम नबी आजाद के समर्थन में नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के 36 छात्र नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिरुद्ध रैना और प्रदेश महासचिव माणिक शर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया है. इससे लगता है कि पार्टी में असंतोष दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।
श्री आजाद 4 सितंबर को जम्मू में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कार्यक्रम होगा। इस रैली के में वह कोई बड़ा एलान कर सकते हैं । 4 सितंबर को ही दिल्ली में राहुल गांधी महंगाई पर हल्ला बोल’ रैली को संबोधित करने वाले हैं। इस बात से एक बात स्पष्ट है कि गुलाम नबी आजाद के कार्यक्रम के चलते कांग्रेस का यह प्रदर्शन प्रभावित होगा।
आजाद नई पार्टी का कर सकते है गठन
राजनीतिक जानकार बताते है कि श्री आजाद किसी पार्टी में जाने की जगह खुद की पार्टी बनाकर जम्मू कश्मीर में राजनीतिक दलों को टक्कर देते हुई नजर आएंगे। उनके निशाने पर गांधी परिवार सबसे ज्यादा रहेगा। हालांकि उनके भाजपा में जाने की संभावना कम है। आजाद ने कुछ दिन पूर्व पीएम मोदी की प्रशंसा भी की थी।