रामपुर में तहसील बिलासपुर क्षेत्र किसानों का गढ़ माना जाता है यह इलाका तराई बेल्ट के साथ ही मिनी पंजाब भी कहलाता है । केंद्र सरकार द्वारा किसानों को लेकर तीन बिल संसद में पास किए गए हैं । जो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि के किसानों को कतई मंजूर नहीं हैं और जिनको रद्द करने की मांग को लेकर तकरीबन 10 महीने से दिल्ली बॉर्डर पर धरना जारी है । अब जैसे-जैसे यूपी विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं किसान भाजपा सरकारों के विरोध में खुलकर सामने आते चले जा रहे हैं । इसी क्रम में जनपद रामपुर के किसान भी बड़ी मजबूती के साथ सरकार विरोधी आंदोलनों और धरनो का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं ।
रामपुर की बिलासपुर तहसील क्षेत्र के सैकड़ों किसानों में से एक गुरजीत सिंह कोटिया हैं जो पिछले 10 महीनों से किसान आंदोलनों का हिस्सा बने हुए हैं उन्होंने पूरी तरह से अपना घर बार छोड़ रखा है यही नहीं वह लखीमपुर खीरी में आयोजित उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध करने अपने साथियों के साथ पहुंचे थे जहां पर वह दिल को दहलाने वाली घटना का शिकार भी हो गए हालांकि गनीमत रही की उनके साथ ज्यादा बड़ी अनहोनी नहीं हुई और शरीर पर चोटे ही आयी । घायल अवस्था में गुरजीत सिंह कोटिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां पर उनका उपचार जारी है वही उनकी पत्नी, पुत्री व पिता आज भी उनकी सलामती की दुआ ईश्वर से करते नहीं थक रहे हैं । परिवार के हालात खस्ता हैं खेती-बाड़ी भी पत्नी व पुत्री के हवाले है, बूढ़े पिता भी अधिकतर बीमार रहते हैं लेकिन बावजूद इसके वह किसान आंदोलन का हिस्सा बना रहना चाहते हैं ।