फतेहगंज पश्चिमी।। विगत समय में उत्तरांचल से लेकर मैदानी इलाकों में हुई मूसलाधार बरसात के बाद कालागढ़ और कोशी बैराज के ओवर फलो होने के बाद रामगंगा समेत इलाके की तमाम नदियों में कई हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से बाढ आपदा से क्षेत्र घिर गया था और अब रामगंगा में तकरीबन डेढ मीटर जल स्तर घटने के साथ ही उपजाउ कृषि भूमि का कटान पूरी तरह से जारी है यहां तक कि रामगंगा में तेज हिलोरें लेते हुए बह रही पानी की धार एक घंटे में वीघों जमीन को काट कर अपने गोद में समा ले रही हैं।
मंगलबार को जब मौके पर पहुंचे तो मिली जानकारी के अनुसार वहां का नजारा बहुत ही भयाबह था यानि कि मिनटों में भूमि की जमीनों की पहाड़ियां गंगा में समाती दिखीं।इस तरह से रामगंगा के द्वारा हो रहे कटान की बात की जाये तो गांव मीरापुर, भोलापुर शंखापुर, पिथूपुरा सहित गांवों की भूमि का कटान जारी है। इसके साथ ही गांव पिपरिया, सहसा, थानपुर समेत तमाम ऐसे गांव हैं जिनमें नदियां बुरी तरह से कटान कर रही हैं। और अब तक पचासों वीघा जमीन कटकर नदियों में समा चुकी है। जब पीड़ित किसानों से बात की तो गांव पिपरिया निवासी सुन्दर राजपूत ने बताया कि जमीन कटकर राम गंगा में समा चुकी है। लेकिन अभी जिन खेतों में पानी भरा है उनसे पशुओं के लिए चारे तक को निकालने की किल्लत आन पड़ी है।
यहां तक कि ग्रामीण पुआल दूसरों से मांग कर किसी तरह से पशुओं का पेट पालन करने को मजबूर हैं। इस माममले में प्रशासन ने भी कोई कड़े कदम नहीं उठाये हैं। जिससे किसान काफी बदहाली में जीवन यापन कर रहा है।