रामपुर : भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी से वापस लौटते समय रामपुर स्थित यूनियन के जिला कार्यालय पर पहुंचे जहां पर उन्होंने किसानों से वार्ता की और किसानों के साथ हुए बर्बर कांड में आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा मांगा है उन्होंने गिरफ्तारी व मंत्री के इस्तीफे वाली मांग को 12 तारीख तक पूरा किए जाने को लेकर तल्ख लहजे में सरकार को चेतावनी दे डाली है।
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रामपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित भाकियू के जिला कार्यालय पर लखीमपुर से लौटते समय राकेश टिकैत काफिले के साथ रुके जहां पर उन्होंने स्थानीय किसानों के अभिवादन को स्वीकार किया वही लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई दर्दनाक घटना में उन्होंने जहां किसानों की मौत पर संवेदना व्यक्त की इसी क्रम में उन्होंने घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए आगामी 12 अक्टूबर तक निस्तारण करने का अल्टीमेटम तक दे डाला है राकेश टिकैत की मौजूदगी से स्थानीय किसान गदगद नज़र आए जहां पर राकेश टिकैत जिंदाबाद भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद के नारे भी किसानों द्वारा जोरदार तरीके से लगाए गए ।
भाकियू नेता राकेश टिकैत के मुताबिक गिरफ्तारी और मंत्री का इस्तीफा 12 तारीख तक, सरकार के पास टाइम है पूरे देश में आंदोलन होंगे कैसे होंगे क्या होंगे हम 12 तारीख को रणनीति तैयार करेंगे। सरकार ने 5 लोगों को मुआवजा दे दिया है 5 लोगों की उसमें डेथ हुई है उसमें किसान भी थे और एक पत्रकार भी थे उनको इंसाफ तब मिलेगा जब जो आरोपी उसकी गिरफ्तारी होगी और केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्र इस्तीफा दें। राकेश टिकैत ने कहा सरकार है तो हम सरकार से ही बात करेंगे हम आंदोलन को संघर्ष से समाधान की ओर ले कर जाना चाहते हैं सरकार आंदोलन को समाधान से संघर्ष की ओर ले कर जाना चाहती है बस यही अंतर हमारे में और उनमें है।
पॉलिटिकल पार्टियों में और हमारे में बस यही अंतर है। बातचीत से ही समाधान होगा दिल्ली में भी 12 दौर की बातचीत हुई जिसकी सरकार होगी बातचीत उन्हीं से होगी उन्हीं के अधिकारियों से होगी। लखीमपुर की घटना पर राकेश टिकैत ने कहा वहां पर तीन तरह की कमेटियां थी परिवार, रिश्तेदार और किसान संगठन उधर अधिकारियों की तीन कमेटियां थी प्रमुख सचिव के स्तर की, एडीजी के स्तर की, और तीसरी थी डीएम और एसएसपी तीन कमेटीया वहां थी और 3 किसानों की थी 6 घंटे में यह समझौता हो पाया करीब 10000 लोग इस वार्ता में शामिल थे। इस समझौते से वहां जो लोग थे वह संतुष्ट हैं हम तो उन्हीं के साथ में हैं राकेश टिकैत ने कहा दिल्ली में धरना चल रहा है और इस तरह की जो भी घटना हो कानून को निष्पक्ष अपना काम करना चाहिए।