बरेली| मंडलायुक्त श्री आर. रमेश कुमार ने कहा कि अभ्युदय योजना के परिपे्रक्ष्य में यह समझना चाहिए कि इस योजना को लागू करने का उददेश्य क्या है और प्रतिभावान वे अभ्यर्थी जो मंहगी कोचिंग से पढ़ाई में समर्थ नहीं हैं, उन्हें यह योजना कितना उत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक यह योजना केवल मंडल स्तर पर लागू थी लेकिन इस योजना की सफलता के कारण अब इसे जनपद स्तर पर भी लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बरेली में इस योजना का विशेष योगदान रहा है क्योंकि यहां से एक अभ्यर्थी ने इसी योजना से पढ़ाई कर आईआईटी इंदौर में एडमिशन प्राप्त किया है।
मंडलायुक्त आज बरेली कॉलेज सभागार में अभ्युदय योजना के द्वितीय सत्र के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अभ्यर्थी को अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए, सफलता तभी प्राप्त होती है जब लक्ष्य निश्चित होता है। उन्होंने कहा कि जिस अभ्यर्थी के अंदर अपने कॉरियर को लेकर प्रतिबद्वता होगी, उसे एक दिन सफलता अवश्य प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि कुछ कर दिखाने का अगर जज्बा होगा, तो एक दिन सफलता मिलेगी ही। उन्होंने सरकारी सेवा में आने के लिए छात्रों से कहा कि वे अपने अंदर सेवा भाव पैदा करें, समाज के वंचित तबकों, गरीबों असहायों के प्रति वे कितने संवेदनशील हैं, उन्हें यह जरूर याद रखना चाहिए।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री मानवेंद्र सिंह ने कहा कि लक्ष्य तय करना और फिर उसकी प्राप्ति के लिए लगातार और अनवरत प्रयास करना, सफलता का यही एक मार्ग होता है। उन्होंने अर्जुन की वह कथा भी सुनाई कि गुरु द्रोणाचार्य ने अन्य लोगों के अलावा जब अर्जुन से पूछा कि तुम्हें क्या नजर आ रहा है तो अर्जुन ने कहा कि केवल चिडि़या की आंख, बाकी सबने कुछ कुछ और भी दिखता नजर आता बताया। जिलाधिकारी ने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अर्जुन की आंख की तरह लक्ष्य पर निगाह होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लक्ष्य तय कर लेना है फिर उसे प्राप्त करने का पूर्ण विश्वास के साथ लगातार प्रयास करना है, तो सफलता मिलनी ही है।
मुख्य विकास अधिकारीचंद्र मोहन गर्ग ने कहा कि पहले तय करें कि किसे क्या करना है, फिर उसी दिशा में आगे बढ़ते जाएं, और यह खुद तय करना है कि क्या करना है किस दिशा में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कोच केवल दिशा ही दिखा सकता है, प्लानिंग और मेहनत अभ्यर्थी को स्वयं करनी होगी। इस अवसर पर बरेली कालेज के प्राचार्य डाक्टर अनुराग मोहन तथा अभ्युदय योजन के पिछले सत्र में कोचिंग देने वाले शिक्षकों ने भी अपने विचार तथा अनुभव साझा किए। इस योजना के पिछले सत्र में शामिल एक छात्र धनंजय जिसने अभ्युदय योजना से कोचिंग लेकर आईआईटी इंदौर में प्रवेश प्राप्त किया है, उसे मंडलायुक्त ने ट्राफी भी प्रदान की। इस योजना के आज से शुरु हुए सत्र में एनडीए/ सीडीएस के लिए 77, नीट के लिए 84, जेईई के लिए 38, यूपीएससी के लिए 645, कुल 844 छात्रों ने अभी तक पंजीयन कराया है।