मुजस्सिम खान
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करोना महामारी के बाद हरे भरे पेड़ों को काटे जाने पर रोक लगा रखी है लेकिन भू माफिया लोगों के स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर बाग काटने से बाज नहीं आ रहे हैं | रामपुर में भू माफियाओं द्वारा एक आम के बाग को काट दिया गया जिसके बाद डीएफओ ने बड़ी कार्यवाही करते हुए जहां भू माफियाओं के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराई वही इस मामले में एक वन कर्मी को सस्पेंड कर दिया है साथ ही इस मामले में संलिप्त अन्य कर्मियों को नोटिस जारी किया है|
रामपुर के तहसील सदर के अंतर्गत ग्राम चमरपुरा के निकट आम का एक बड़ा बाग हुआ करता था लेकिन कुछ दिन पहले भू माफियाओं द्वारा बाग का पूरी तरह से सफाया कर दिया गया जिसके बाद वन विभाग एक्शन मोड पर आ गया और कथित भूमाफिया के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई प्रकरण की जांच के बाद इस मामले से जुड़े एक वन कर्मियों को जिला वन अधिकारी राजीव कुमार द्वारा सस्पेंड कर दिया गया है वही कुछ वन कर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है साथ ही उनकी संलिप्तता पाए जाने के बाद अन्य के विरुद्ध कार्यवाही अमल में लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है ।
डीएफओ राजीव कुमार के मुताबिक वहां की स्थिति देखने पर पता चला कि काफी बड़ी मात्रा में पेड़ों का कटान हुआ ग्रामीण क्षेत्र के जो पेड़ है उनका कटान हुआ है तो सुबह वास्तविक स्थिति जो पता चली 45 पेड़ों का अवैध कटान पाया गया तो मौका और स्थिति संवेदनशील थी क्योंकि वहां पर काफी बड़ी मात्रा में पेड़ों का अवैध कटान हुआ था तो इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए मैंने एफआईआर जो भूमि स्वामी था यह ठेकेदार था उस पर एफ.आई.आर. करने के निर्देश दिया है उनमें जो तीन भूमि स्वामी थे उनके नाम हमने एफ.आई.आर. में हम लोगों ने फाइल किया है साथ में जो ठेकेदार था जो इस कटान में शामिल था उसका भी नाम हमने उस में पंजीकृत कराया है क्योंकि विषय गंभीर था तो उसको देखते हुए संबंधित व्यापारी को दोषी पाया क्योंकि उसने इतनी बड़ी मात्रा में बिना किसी जानकारी के कटान हुआ इस मौके को देखते हुए तत्काल मैंने उसको निलंबित किया है यह चमरपुरा से थोड़ा ही आगे हैं एक्जिट लोकेशन तो शायद मैं नहीं बता पाऊंगा लेकिन चमरपुरा से थोड़े ही आगे हैं वह आम का बाग था बाकी जो हमारे अपने फॉरेस्टर है रेंज अधिकारी हैं संबंधित रामपुर रेंज के जिनके क्षेत्र की यह घटना है फोन को नोटिस जारी कर दिया है और उनका स्पष्टीकरण जैसे ही प्राप्त होता है अगर स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होता है तो आगे कार्यवाही के लिए उनके लिए भी दिक्कत होगी।
