बदायूं | कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में ड्रग्स विभाग के एक बाबू ने मेडिकल लाइसेंस बनाने को 50 हजार रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल होने के मामले को डीएम ने गंभीरता से लिया है | डीएम दीपा रंजन ने ड्रग्स विभाग पर जांच बैठा दी है। यह कार्रवाई डीएम ने तब की है जब ड्रग्स विभाग में भ्रष्टाचार का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। बता दें कि बगरैन के व्यक्ति ने लाइसेंस के लिये आवेदन किया था| डीआई का कहना है कि उन्होंने पंद्रह दिन में रिपोर्ट लगाने की जगह नौ दिन में रिपोर्ट लगा दी। वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि कार्यालय के बाबू ने लाइसेंस आवेदन करने वाले से सौदेबाजी कर डाली। उसमें पीड़ित से 50 हजार रुपये देने को कहा। किसी ने इसकी वीडियो बना ली और वायरल कर दी।
पीड़ित ने बताया कि ड्रग्स विभाग में हर मेडिकल लाइसेंस बनाने के नाम पर रिश्वतखोरी होती है मगर इसके लिये विभाग ने माध्यम अलग बनाया है। मेडिकल लाइसेंस के लिये दो ही जनसेवा केंद्रों तय कर रखे हैं एक कचहरी के बाहर है दूसरा कोतवाली इलाके के पास है। वहीं लाइसेंस को आवेदन होता है वहां भी 20 रुपये फीस के नाम पर एक हजार आवेदन के और 03 हजार लाइसेंस फीस जमा कराई जाती है। इसके बाद यहां एक लाख और पचास हजार रुपये मांगे जाते।वहीं डीएम ने वायरल वीडियो के आधार पर पर मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट को दे दी है। जांच रिपोर्ट आते ही संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।